एलआईसी और एसबीआई को हो रहा अडाणी ग्रुप के शेयरों से भारी नुकसान
मुंबई- अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिका की एक निवेशक रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट क्या जारी की, बाजार में भूचाल आ गया। रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स प्राइस में भारी गिरावट देखी जा रही है। वहीं इस हलचल ने सबसे ज्यादा चिंता में एलआईसी और एसबीआई के ग्राहकों को डाला है। इसकी वजह अडानी समूह की कंपनियों में दोनों ही वित्तीय संस्थानों का बड़ा निवेश होना है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर अपनी कंपनियों के शेयर्स का मूल्य बढ़ा चढ़ाकर दिखाने के साथ-साथ अकाउंटिंग में फ्रॉड करने के भी आरोप लगे हैं। इसलिए बाजार में समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखी गई है।
अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी ने 77,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो शेयर में गिरावट के बाद करीब 53,000 करोड़ रुपये पर आ गया है। इतना ही नहीं एलआईसी का खुद का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी इस वजह से गिरा है। जबकि SBI समेत देश के कई बैंकों ने अडानी समूह को 81,200 करोड़ रुपये का लोन दिया हुआ है।
बाजार में उथल-पुथल के बावजूद एलआईसी अडानी समूह में करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश और कर रहा है। ये निवेश उसने एंकर निवेशक के तौर पर समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के दौरान किया गया है।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा का कहना है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन को लेकर लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बैंक ने समूह को जो लोन दिया है, वह आरबीआई की सीमा के अनुरूप है। इतना ही नहीं बैंक का लोन कैश जेनरेटिंग एसेट और पर्याप्त एस्क्रो मैनेजमेंट के साथ दिया गया है। इस तरह बैंक द्वारा समूह को दिया गया लोन ऑन-टाइम डेब्ट सर्विसिंग की गारंटी देता है।
अन्य सरकारी बैंक बैंक ऑफ इंडिया का भी कहना है कि अडानी ग्रुप को दिया लोन आरबीआई की लिमिट के अंदर ही है। पिछले महीने तक समूह की ओर से बैंक को लोन का ब्याज भी चुकाया गया है।
अगर आप एसबीआई या किसी अन्य बैंक के ग्राहक हैं, तब आपको अडानी समूह के साथ हो रही घटना से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक की डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन आम लोगों को बैंक में जमा राशि पर बीमा सुरक्षा की गारंटी देता है। यदि कोई बैंक घाटे में भी जाता है या विफल हो जाता है तो लोगों की 5 लाख रुपये तक की जमा एकदम सुरक्षित रहती है। इसके अलावा एसबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक की ‘टू बिग टू फेल’ बैंकों की लिस्ट में है। यानी एसबीआई इतना बड़ा है कि वो फेल ही नहीं हो सकता है।
इसी तरह एलआईसी हमेशा से एक कैश रिच वित्तीय संस्थान है। एलआईसी सिर्फ अडानी ग्रुप ही नहीं, बल्कि अन्य कई बड़ी कंपनियों के शेयर्स में निवेश करता है. इतना ही नहीं एलआईसी इतना नकदी वाला संस्थान है कि उसके पास 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ऐसी है जिसका कोई दावा ही नहीं करता है।