असंगठित बाजारों में बनी घटिया बिजली सामानों से होता है जान माल का नुकसान  

मुंबई-इलेक्ट्रिकल केबल उद्योग के निर्माताओं और इस इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स ने देश भर में कमर्शियल और रेजिडेंशियल भवनों में बिजली की आग के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसके लिए असंगठित खिलाड़ियों या कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनकी उद्योग में बाजार हिस्सेदारी लगभग 35% है।  

सभी ने एक स्वर में कहा है कि असंगठित खिलाड़ी रिसाइकल्ड तांबे और पीवीसी का उपयोग करते हैं और वे लंबे समय से जीएसटी देने से भी बचते रहे हैं जिससे उन्हें लोकल मार्केट अच्छा खासा फायदा मिल जाता है। इस पर तत्काल सरकार के ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने लोगों से प्रतिष्ठित ब्रांडों के बने उत्पादों को चुनने की भी सलाह दी है, न कि असंगठित स्थानीय उत्पादों से जो मामूली कम कीमतों पर उपलब्ध होते हैं पर उनकी क्वालिटी घटिया किस्म की होती है।

बिल्डिंग वायर का मार्केट लगभग 20,000 करोड़ का है, लेकिन उनमें से ज्यादातर पीवीसी या एफआरएलएस इंसुलेटेड तार बेचते हैं जो एक बढ़िया विकल्प नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बिजली से आग लगने के कई कारण होते हैं जैसे ओवरलोडिंग, ढीले कनेक्शन, इन्सुलेशन में कमी, खराब कंडक्टर, मानवीय गलती आदि। इन आग दुर्घटनाओं से ने सिर्फ संपत्ति का नुकसान होता है बल्कि कई मामलों में जाने भी चली जाती है।

आरएसपी डिजाइन कंसल्टेंट्स के सलाहकार और पूर्व निदेशक गोपाल राव का कहना है कि ज्यादातर मामलों में शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार ठहराया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोड के अनुसार, कंडक्टर का चुनाव, उचित इन्सुलेशन और क्वालिटी कंट्रोल का भी बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। उनका कहना है कि अच्छी क्वालिटी वाले केबल को अगर ठीक से फिट किया गया है और उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती है तो उन्हें सालों साल चलना चाहिए। इसलिए चाहे बिजली के उपकरण भारतीय मानक हो या अंतर्राष्ट्रीय मानक हो, सही उपकरण और इंस्टालेशन ज्यादा मायने रखते हैं।

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि एक सर्किट के ओवरलोड हो जाने से ज्यादातर घटनाएं सामने आती हैं और यह ओवरलोडिंग पीवीसी इन्सुलेशन विफलता की ओर जाता है जिसके परिणामस्वरूप नंगे लाइव सर्किट कंडक्टर एक दूसरे के संपर्क में आते हैं जिससे शॉर्ट सर्किट हो जाता है। शॉर्ट सर्किट के दौरान, यदि बिजली की आपूर्ति तुरंत नहीं रोकी जाती है और इंसुलेशन सही नहीं है तो इसका तापमान और भी बढ़ने लगता है जो फिर आग में तब्दील हो जाती है। सभी बड़ी आग दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की मौत जहरीले धुएं के साँस लेने के कारण दम घुटने से होते हैं।

बिजली से आग की घटनाओं से बचने का सुझाव देते हुए राव बताते हैं कि वायर का सही प्रकार और आकार चुनना महत्वपूर्ण है और यूजर्स को केवल क्लास 2 कंडक्टर वाले तारों पर जोर देना चाहिए। पीवीसी या कम धुएं वाले पीवीसी (एफआरएलएस) इन्सुलेशन वाले तारों से बचना चाहिए और कंडक्टर 99.97% शुद्धता के साथ ईसी ग्रेड कॉपर होना चाहिए। उन्होंने यह भी सलाह दी कि मल्टी-पिन सॉकेट्स का उपयोग करके सॉकेट्स को ओवरलोड न करें, जिसके परिणामस्वरूप सर्किट सॉकेट या वायर रेटिंग के 70% से अधिक लोड ले सकता है। 

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