आटा अब 15 फीसदी हुआ महंगा, त्योहारी सीजन में लोगों का बजट गड़बड़
मुंबई- दिवाली-छठ के त्योहारों के बीच ही आटा 15 फीसदी महंगा हो गया। सिर्फ आटा ही नहीं, गेहूं से बनने वाले मैदा, सूजी और दलिया भी महंगे हो गए है। आटा के भाव में जहां पांच रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है तो मैदा और सूजी के भाव में तीन से पांच रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है।
इस बार आटे की कीमत में बढ़ोतरी का कोई स्पष्ट कारण नही है। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि खुले बाजार में गेहूं नहीं के बराबर मिल रहा है। सरकार ने उन्हें गेहूं देना बंद कर दिया है। इसलिए उन्हें महंगे रेट पर गेहूं खरीदना पड़ रहा है।
इस साल होली के बाद से ही आटे का दाम बढ़ ही रहा है। दरअसल, इस साल गेहूं की कटाई के पहले ही रूस और युक्रेन का युद्ध शुरू हो गया था। इससे वैश्विक बाजार में गेहूं का भाव चढ़ गया। जाहिर है कि इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। इसलिए इस साल किसानों ने गेहूं एमएसपी से भी ज्यादा दाम पर खुले बाजार में बेचा। उसी समय आटा औसतन पांच रुपये किलो महंगा हो गया था।
कुछ ही महीने पहले सरकार ने अनब्रांडेड आटा और मैदा को भी जीएसटी के दायरे में ले आया था। हालांकि इसमें छूट यह थी कि 25 किलो से ज्यादा की पैकिंग पर जीएसटी नहीं लगेगा। बाजार में खुला बिकने वाली आटे की बोरी 50 किलो की पैकिंग में आती है। इसलिए इस पर जीएसटी नहीं लगता है। लेकिन तब भी कारोबारियों ने आटे की कीमत में औसतन दो रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर दी थी।
पिछले सप्ताह मंगलवार को मौजूदा फसल वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 110 रुपये की बढ़ोतरी की है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बाजार में पहले से ही इस भाव से ज्यादा दाम पर गेहूं बिक रहा है। तब भी कारोबारियों ने फिर से आटे के दाम में पांच रुपये की बढ़ोतरी कर दी। इस समय बाजार में बिकने वाले खुले आटे का दाम 30 रुपये से 35 रुपये हो गया। इसी तरह 32 रुपये किलो बिकने वाला खुला मैदा भी 35 रुपये किलो बिकने लगा है। सूजी की कीमत में भी तीन से पांच रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।