दो दिनों में गेहूं, चावल, दाल की कीमतें जमकर बढ़ीं, तेल और आटा भी महंगा
मुंबई- पिछले दो दिनों मे जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में जमकर उछाल आया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, गेहूं, आटा, चावल, दाल के साथ-साथ तेल और आलू प्याज के भी भाव तेजी से बढ़ गए हैं। आंकड़ों के अनुसार, चावल का भाव 9 अक्तूबर को 37.65 रुपये किलो था जबकि मंगलवार को यह 38.06 रुपये पर पहुंच गया।
गेहूं का भाव 30.09 से बढ़कर 30.97 रुपये् जबकि आटा की कीमत 35 रुपये से बढ़कर 36.26 रुपये किलो हो गई। आलू का भाव जहां 26.36 रुपये किलो से बढ़कर 28.20 रुपये हो गया, वहीं प्याज का भाव 24.31 रुपये किलो से बढ़कर 27.28 रुपये हो गया। टमाटर की कीमत 43.14 से बढ़कर 45.97 रुपये किलो पर पहुंच गया।
आंकड़ों के मुताबिक, चना दाल की कीमत इसी दौरान 71.21 से बढ़कर 74 रुपये किलो हो गई जबकि अरहर दाल का भाव 110 से बढ़कर 112 रुपये किलो पहुंच गया। उड़द दाल का दाम इसी दौरान 106..53 रुपये से बढ़कर 108.77 रुपये किलो हो गया। मूंग दाल का भाव 101.54 रुपये किलो से बढ़कर 103.49 रुपये पर पहुंच गया है। मसूर दाल 94.17 से बढ़कर 95.76 रुपये जबकि चीनी का भाव 41.92 से बढ़कर 42.66 रुपये किलो पर पहुंच गया है।
अगर इन खाद्य पदार्थों की कीमतों को पिछले एक साल से देखें तो यह लगातार बढ़ी हैं। उदाहरण के तौर पर एक साल पहले चावल 35.57 रुपये किलो था जो अब 37.65 रुपये है। इसी तरह गेहूं का भाव 27.29 से बढ़कर 30 रुपये के पार है। अरहर दाल की कीमत 5 रुपये किलो बढ़ी है जबकि उड़द दाल की कीमत 2 रुपये और मूंग दाल की कीमत भी 2 रुपये किलो बढ़ी है। टमाटर और प्याज भी इसी दौरान 10-15 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि त्योहारी सीजन में लोगों की रसोई के बजट पर इसका सीधा असर होगा, क्योंकि इस दौरान खपत बढ़ जाती है। हालांकि, अभी की महंगाई इसलिए आई है क्योंकि बारिश की वजह से आपूर्ति पर प्रभाव पड़ा है। हालांकि, आने वाले दिनों में कीमतों में गिरावट भी आ सकती है।
उधर, उत्तर प्रदेश और बिहार में गेहूं की कीमतें पूरे देश में सबसे ज्यादा बढ़ी हैं। इनका भाव 4-5 फीसदी तक उछल गया है। देश में गेहूं की सबसे ज्यादा पैदावार उत्तर प्रदेश में होती है। हाल में कीमतें बढ़ी भी हैं। बावजूद इसके गेहूं की कमी हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से गेहूं उपलब्धता में काफी कमी है। साथ ही निर्यात के लिए काफी गेहूं पहले ही बाहर भेजा जा चुका है। इसलिए यूपी और बिहार में गेहूं की किल्लत हो रही है।