विदेशी मुद्रा भंडार-6 देशों में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन 

मुंबई- डॉलर की तुलना में रुपये की ऐतिहासिक कमजोरी का सीधा असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। शीर्ष देशों की तुलना करें तो भारत के मुद्रा भंडार में ज्यादा गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी में देश का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स) 632 अरब डॉलर था। अगस्त में यह 86 अरब डॉलर या 13.6 फीसदी घटकर 546 अरब डॉलर पर आ गया।  

थाईलैंड का फॉरेक्स इसी दौरान 223 अरब डॉलर से 28 अरब डॉलर या 12.6 फीसदी गिरकर 195 अरब डॉलर पर आ गया है। डॉलर की मजबूती ने दुनिया के कई देशों की मुद्राओं को प्रभावित किया है। इससे वहां के केंद्रीय बैंक मुद्रा की गिरावट रोकने के लिए डॉलर को बेच रहे हैं। 

यूनाइटेड किंगडम (यूके) के फॉरेक्स में फरवरी से अगस्त के दौरान 11.7 फीसदी की गिरावट आई है। यह 133 अरब डॉलर से घटकर 118 अरब डॉलर रह गया है। दक्षिण कोरिया का फॉरेक्स 5.50 फीसदी या 24 अरब डॉलर घट कर 413 अरब डॉलर रह गया है। 

जापान के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.5 फीसदी की कमी आई है। फरवरी में यह 1,259 अरब डॉलर था जो अगस्त में 1,177 अरब डॉलर रह गया है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4.9 फीसदी या 159 अरब डॉलर कम होकर 3,055 अरब डॉलर रह गया। फरवरी में यह 3,214 अरब डॉलर था। 

अनुमान जताया गया है कि इस साल के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार 23 अरब डॉलर तक और गिर कर 500 से 540 अरब डॉलर रह सकता है। फिलहाल यह दो साल के निचले स्तर पर है। आरबीआई 2008 की तरह ही डॉलर को बेच सकता है। उस समय भंडार में 20 फीसदी की कमी आई थी। एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा कि आरबीआई लगातार रुपये की गिरावट को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकता है। 

एसबीआई की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शेयर बाजार ने दुनिया के बाजारों में इस साल में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल में सेंसेक्स और निफ्टी में 3.5 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि ब्रिटेन के शेयर बाजार में 6.5 फीसदी, जापान के बाजार में 9.8 फीसदी और चीन के बाजार में 16 फीसदी की गिरावट आई है। 

इसी दौरान अमेरिका का डाऊजोंस और फ्रांस का बाजार 20-20 फीसदी गिरा है। स्विटजरलैंड का शेयर बाजार 22.2 फीसदी, यूरो बाजार 22.8 फीसदी, हांगकांग 23.3 फीसदी गिरा है। जर्मनी के बाजार में जहां 23.7 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं अमेरिका का एसएंडपी 500 में 23.8 फीसदी की गिरावट आई है। रूस के बाजार में सबसे अधिक 49.8 फीसदी की गिरावट देखी गई है। 

एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा निवेशक भारतीय शेयर बाजार को संभाल रखे हैं। इन निवेशकों ने कोरोना के दौरान 2020 में बाजार में बड़े पैमाने पर प्रवेश किया। तब से इन्होंने सेकेंडरी बाजार में कुल 2.9 लाख करोड़ रुपये लगाए हैं। इसमें से 2.3 लाख करोड़ रुपये 2021 में और इस साल की पहली छमाही में निवेश किया गया है। 

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