छोटी बचत योजनाओँ और एफडी में अगले हफ्ते से मिल सकता है ज्यादा ब्याज 

मुंबई- शेयर बाजार में गिरावट और सोने की कीमतों में भारी कमी के बाद अब बारी छोटी बचत योजनाओं और एफडी की समीक्षा की है। फिलहाल कुछ समय तक के लिए इन दोनों संसाधनों में निवेशकों को खुश होने की खबर मिल सकती है। दोनों योजनाओं पर इस हफ्ते क्या उम्मीद है, इसका गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट। 

30 सितंबर को जहां भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों पर फैसला करेगा, वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करेगा। आरबीआई जहां रेपो दर को बढ़ाएगा, वहीं सरकार भी छोटी योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा सकती हैं। ऐसें निवेशकों के लिए यह एक अच्छा फैसला हो सकता है। हालांकि, कर्ज लेनेवालों को जरूर ज्यादा किस्त चुकानी होगी, पर जो जमाकर्ता हैं, उनको ज्यादा ब्याज मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बैंकों के पास इस समय तरलता की कमी है और वे त्योहारी सीजन में आक्रामक तरीके से बैंकों से निकलने वाले पैसों को पूरा करने के लिए ब्याज दरें बढ़ाएंगे।  

मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 1.40 फीसदी का इजाफा किया है। इस अनुपात में कर्ज पर ब्याज दरें तो तुरंत बढ गईं, पर जमा पर उस अनुपात में नहीं बढ़ीं। हालांकि जनवरी की तुलना में इस समय एफडी पर ज्यादा मिल रहा है। पिछले 4-5 महीने में बैंकों ने एफडी पर 0.8 फीसदी से एक फीसदी तक ब्याज बढ़ाया है। ऐसे में कुछ बैंक इस समय एफडी पर 7 फीसदी से ऊपर ब्याज दे रहे हैं तो कुछ छोटे बैंक 7.50 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। 

जानकारों का मानना है कि आरबीआई रेपो दर को 6.15 फीसदी तक ले जा सकता है। फिलहाल यह 5.40 फीसदी है। ऐसे में अगर 6.15 फीसदी तक दर बढ़ती है जो जमा पर कम से कम अभी भी मार्च, 2023 तक 0.20 से 0.40 फीसदी तक और ब्याज बढ़ सकता है। इसका मतलब आपको एफडी पर 7.50 से 8 फीसदी तक का ब्याज मिल सकता है।  

ऐसी स्थिति में अगर आप एफडी करना चाहते हैं तो आपको इसे 5-6  महीने के लिए करना चाहिए ताकि इनके परिपक्व होने पर आप नई ब्याज दर के आधार पर फिर से इसी पैसे को एफडी कर सकें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप लंबे समय तक एफडी करते हैं और ब्याज दरें बढ़ जाती हैं तो आपको पुरानी ब्याज ही मिलेगी। अगर आप परिपक्वता समय से पहले एफडी का पैसा निकालते हैं तो आपको इस पर शुल्क भी देना पड़ सकता है। 

महंगाई की तुलना में अभी भी कम ब्याज एफडी पर मिल रहा है। अगर मार्च तक महंगाई की दरें कम होती हैं और एफडी की दरें ऊपर जाती हैं तो फिर आपको एफडी कराना अच्छा हो सकता है। अन्यथा वास्तविक रिटर्न की गणना करने पर आपको घाटा ही होगा। जानकार कहते हैं कि किसी भी संसाधन में जब महंगाई की दर से एक फीसदी ज्यादा ब्याज मिले तो आपको फायदा होगा। इस समय महंगाई की दर 7 फीसदी है और ऐसे में कम से कम 8 से 9 फीसदी का सालाना रिटर्न मिलना चाहिए। 

छोटी बचत योजनाओं पर अभी अधिकतम 7.4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है। दरअसल, इसकी ब्याज की गणना 10 साल के बॉन्ड यील्ड के आधार पर होती है। बॉन्ड यील्ड इस समय औसत 7.3 फीसदी है और सरकार इस पर 0.25 फीसदी अधिक ब्याज देती है। यानी कम से कम 7.55 फीसदी का ब्याज इस पर मिलना चाहिए। अंतिम बार इन योजनाओं की ब्याज में अप्रैल-सितंबर, 2020 में बदलाव हुआ था। उस समय ब्याज दरें घटा दी गई थीं। अब दो साल बाद ऐसी उम्मीद है कि इस पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। 

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