देश में 75 बैंकिंग शाखाओं में पेपरलेस होगा काम, पूरी तरह डिजिटल
मुंबई- डिजिटल बैंकिंग तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद अब तक करीब 20 करोड़ भारतीयों की जद में ही डिजिटल बैकिंग पहुंच सकी है। जबकि देश की आबादी लगभग एक अरब 35 करोड़ है। यानि अभी भी करोड़ों लोग डिजिटल बैंकिंग सिस्टम से बाहर हैं। देश के 75 जिलों में जल्द ही डिजिटल बैंकिंग यूनिट यानी DBU शुरू की जाएंगी। इसमें कम से कम 10 उत्पाद और सेवाएं शामिल होंगी।
DBU में एसेट और डेट दोनों को कवर किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते एक बैठक में फाइनेंशियल सर्विसेज डिपार्टमेंट ने DBU की प्रगति की समीक्षा की, जिसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग का विस्तार करना है। DBU में सर्विसेज की शुरुआत में सेविंग, करंट, आरडी-एफडी, कैश निकालना, पासबुक प्रिंटिंग जैसी सुविधाएं शामिल हो सकती हैं।
ग्राहकों के पास मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मास ट्रांजिट सिस्टम कार्ड, यूपीआई क्यूआर कोड, भीम आधार और प्वाइंट ऑफ सेल के लिए डिजटल किट होगी। DBUके पास चुनने के लिए सेवाओं का भंडार होगा, लेकिन शुरुआत में अनिवार्य रूप से कम से कम 10 सेवाओं की पेशकश करनी होगी।
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 75 जिलों में 75 DBU स्थापित करने का ऐलान किया था। ये अभियान देश के दसवें जिलों से भी कम तक सीमित है, लेकिन भविष्य में ये संख्या बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल इन्हें जिला मुख्यालय पर ही लगाया जा रहा है। अधिकांश सामान्य शाखाओं से अलग डीबीयू डिजिटल रूप से रिटेल, एमएसएमई जैसे लोन के लिए आवेदन करने वाले ग्राहकों की मदद करने के लिए सहायक होंगे।
डीबीयू में जमा के लिए नकद स्वीकार नहीं किया जाएगा। एटीएम और कैश डिपॉजिट मशीनों की मदद से निकासी और जमा की अनुमति होगी. इंटरनेट बैंकिंग कियोस्क, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर यानी NEFT, IMPS, KYC शिकायत दर्ज करने और खाता खोलने वाले कियोस्क जैसी सुविधाएं भी होंगी।