गेहूं की कीमतें घटाने की योजना, आयात ड्यूटी में हो सकती है कटौती
मुंबई- गेहूं की बढ़ रही कीमतों को काबू में करने की योजना है। इसके लिए सरकार गेहूं आयात पर 40 फीसदी ड्यूटी को खत्म कर सकती है। इसी के साथ कारोबारियों के लिए भंडार पर सीमा भी लगा सकती है। गेहूं के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में इस समय कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
भीषण गर्मी के चलते फसल को नुकसान को देखते हुए सरकार ने मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। बावजूद इसके घरेलू कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हैं। कारोबारियों ने कहा, अगर सरकार आयात ड्यूटी हटाती है और अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होती हैं तो त्योहारी सीजन में आयात शुरू हो सकता है। उस समय घरेलू कीमतें ज्यादा हो जाती हैं।
सूत्रों ने कहा, सरकार कीमतों को नीचे लाने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार कर रही है। इसमें दो प्रमुख कदम आयात ड्यूटी को हटाने और भंडार पर सीमा लगाने की योजना है।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, गेहूं की कीमत एक साल में 22 फीसदी बढ़ी है। 8 अगस्त, 2021 को यह 25 रुपये किलो था, जो सोमवार को 30.61 रुपये किलो पर पहुंच गया। एक महीने पहले 29.76 रुपये किलो था। आटे का भाव एक साल पहले 29.47 रुपये किलो था जो अब 35.13 रुपये हो गया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव जुलाई में मासिक आधार पर 14.5 फीसदी गिर गया था। पिछले साल भारत ने 72 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था। इस साल 60 लाख टन के निर्यात का अनुमान है।