LIC के IPO में कैसे लगा सकते हैं पैसे, जानिए विस्तार से यहां पर
मुंबई- देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी लाइफ इंडिया कॉरपोरेशन (LIC) का IPO 10 मार्च से आ सकता है। इसके मुताबिक, लगभग 31.6 करोड़ या 5% शेयर कंपनी IPO में बेचेगी।
DRHP के अनुसार, रिजर्वैशन हिस्से के तहत LIC पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10% शेयर रिजर्व रहेगा। हो सकता है उनको शेयर के भाव में 5% का डिस्काउंट मिल जाए। पहले LIC को समझते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी है। देश के शेयर बाजार में निवेश करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। यह गांव-गांव तक फैली हुआ जीवन बीमा संस्थान है। अभी इसमें पूरी हिस्सेदारी सरकार की है।
सबसे पहले 28 फरवरी से पहले आपको प्रमुख काम करना है। पैन अपडेट करने के लिए LIC की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए विकल्प सबसे आसान विकल्प हैं। आपके पास अपना पैन नंबर, पॉलिसी नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी होना चाहिए। एक बहुत ही सरल प्रक्रिया के माध्यम से, आपका पैन नंबर अपडेट हो जाएगा। आप LIC कार्यालयों से भी संपर्क कर सकते हैं जहां पैन नंबर को अपडेट किया जा सकता है।
पॉलिसी होल्डर्स या रिटेल निवेशकों के लिए कभी कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता है। पॉलिसी होल्डर्स शेयर्स के लिस्ट होने के तुरंत बाद इसे वे बेच सकते हैं। यह उनके ऊपर है। सेबी नियमों के मुताबिक, किसी भी कंपनी इक्विटी शेयर केवल डीमैट रूप में ही जारी होते हैं। इसलिए, कोई भी, चाहे पॉलिसी होल्डर्स हो या रिटेल निवेशक, उसके पास एक डीमैट खाता होना जरूरी है।
आप इसे दो डिपॉजिटरी के पास खोल सकते हैं। एनएसडीएल और सीडीएसएल। इसे हम डीमैट अकाउंट कहते हैं। इसके बाद आपको किसी ब्रोकरेज हाउस के पास ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। हालांकि आप ब्रोकरेज हाउस के पास ट्रेडिंग खाता खोलेंगे तो डीमैट वाला काम वह ब्रोकर ही कर देगा।
पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन में केवल LIC पॉलिसी होल्डर्स ही शेयर खरीद सकता है। हालांक आप लिस्टिंग के बाद या उससे पहले आम कोटे से शेयर के लिए अप्लिकेशन कर सकते हैं। जब IPO लॉन्च किया जाएगा, उस समय यह बताया जाएगा कि आप कम से कम कितना शेयर खरीद सकते हैं। जहां तक ज्यादा की बात है तो आप रिटेल कोटे के तहत केवल 2 लाख रुपए तक का ही शेयर खरीद सकते हैं।
अगर आप सोचते हैं कि किसी रिश्तेदार या दोस्त के नाम पर आप शेयर्स खरीद लेंगे तो ऐसा नहीं होगा। पॉलिसी होल्डर्स के पास उसके नाम पर डीमैट खाता होना चाहिए। LIC के इक्विटी शेयर्स में निवेश पर कोई टैक्स छूट नहीं है। आम टैक्स की तरह यहां भी मुनाफे पर टैक्स लगेगा।
आपको ऊपरी भाव पर बोली लगानी चाहिए, क्योंकि इसी को अंत में शेयर्स के अलॉटमेंट के समय फाइनल किया जाता है। पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से के तहत इक्विटी शेयर्स के लिए दो में से केवल एक ही आवेदन कर सकता है। ऑफ़र में बोली लगाने वाले आवेदक (आप या आपके जीवनसाथी) का पैन नंबर पॉलिसी रिकॉर्ड में अपडेट किया जाना चाहिए। आवेदक का अपने नाम पर एक डीमैट खाता होना चाहिए। यदि डीमैट खाता जॉइंट है, तो आवेदक को डीमैट खाता का प्राइमरी होल्डर होना चाहिए।
इसी तरह ऑफर में आवेदन करते समय आवेदक को भारत में रहने की जरूरत है। अगर आप बाहर देश में हैं तो आप इसमें पैसा नहीं लगा सकते हैं। आप भले ही चाहें तो पॉलिसी होल्डर्स होने के नाते, आप अपने बच्चे की पॉलिसी पर भी पैसा निवेश कर सकते हैं। पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से के तहत रिज़र्वैशन के लिए पात्र हैं।
इसी तरह सभी पॉलिसी जो मैच्योरिटी, सरेंडर या पॉलिसी होल्डर्स की मृत्यु होने से LIC के रिकॉर्ड से बाहर नहीं हुई हैं, वे सभी पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से के तहत पात्र हैं। पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से श्रेणी के तहत रिज़र्वैशन के तहत पात्र होने के लिए, पॉलिसी DRHP की तारीख को या उससे पहले जारी की जानी चाहिए। इश्यू खुलने की तारीख पर मैच्योरिटी, सरेंडर या मृत्यु से बाहर नहीं होनी चाहिए।
आप यह सोचते हैं कि आप पैसा लगाएंगे और शेयर मिल ही जाएगा तो ऐसा भी नहीं है। अलॉटमेंट की कोई गारंटी नहीं है। इश्यू के आकार का लगभग 10% पात्र पॉलिसी होल्डर्स के लिए आरक्षित है। पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से के तहत केवल योग्य पॉलिसी होल्डर्स ही बोली लगाने के पात्र हैं।
प्रीमियम, बीमा या पॉलिसियों की संख्या पर ध्यान दिए बिना सभी पात्र पॉलिसी होल्डर्स को एक ही स्तर पर माना जाएगा। ऐसी कोई शर्त नहीं है। सभी पात्र पॉलिसी होल्डर्स, नियमों के अधीन, पॉलिसी होल्डर्स रिज़र्वैशन हिस्से के तहत बोली लगाने के पात्र हैं।