चीनी कंपनियों के आगे फेल हुआ राष्ट्रवाद का प्यार, जमकर हुई बिक्री
मुंबई- देश में तीन सबसे बड़ी चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां शाओमी, लेनोवो और विवो मोबाईल की बिक्री पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा है। जबकि यह माना जा रहा था कि दोनों देशों के बीच 2020 के सीमा संघर्ष के बाद से चीनी कंपनियों के सामानों पर खासा असर पड़ेगा।
गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच एक घातक झड़प के तुरंत बाद भारत ने जुलाई 2020 में सार्वजनिक खरीद मानदंडों (public procurement norms) को संशोधित किया था। इसके तहत चीन और भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले अन्य देशों के बोलीदाताओं को गवर्नमेंट टेंडर्स में भाग लेने के लिए DPIIT के साथ पूर्व-पंजीकरण के रूप बिडर्स में अतिरिक्त मंजूरी की आवश्यकता होती है।
इन कंपनियों ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को बताया है कि कंप्यूटर निर्माता लेनोवो की 2020-21 में भारत में बिक्री बढ़ी है। हालांकि स्मार्टफोन निर्माता शाओमी और विवो की सेल में मामूली गिरावट आई है। इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार, 2020 में कोविड -19 के कारण लगे लॉकडाउन और प्रोडक्ट सप्लाई को प्रभावित करने वाले कंपोनेंट्स की कमी की वजह से शाओमी और लेनोवो पर असर दिखा है। इससे यह पता चलता है कि 2020 में भारत-चीन के बीच टकराव और सेंटिमेंट्स का चीनी स्मार्टफोन और लैपटॉप ब्रांडों की सेल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
शाओमी ने फाइलिंग में कहा कि आने वाले वर्षों में कमाई बढ़ाने और इसे बनाए रखने के लिए सभी प्रयास जारी रहेंगे। जबकि वीवो ने भी अपनी फाइलिंग में कहा कि यह अच्छा रेवेन्यू प्राप्त करने और फायदा में सुधार करने के लिए कम से कम लागत के साथ क्षमता का उपयोग अधिकतम करेगी।
देश की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया ने मार्च 2021 में समाप्त वर्ष में 6% की गिरावट के साथ 35,504 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। विवो मोबाइल इंडिया की कमाई एक पर्सेंट गिरकर 24,724 करोड़ रुपए रही। चीनी स्मार्टफोन कंपनी ओपो मोबाइल्स ने अभी तक अपना फाइनेंशियल डिटेल्स सब्मिट नहीं किया है।
लेनोवो इंडिया की कुल इनकम वित्त वर्ष 2021 में 14% बढ़कर 10,389 करोड़ रुपए थी। हालांकि, कंपनी ने कहा कि वह सार्वजनिक खरीद निविदाओं (public procurement tenders) में सीधे भाग नहीं ले सकती, क्योंकि उसे अभी तक DPIIT की मंजूरी नहीं मिली है।
वित्त वर्ष 2021 में विवो 552 करोड़ के साथ शुद्ध फायदा कमाने वाली कंपनी बनी थी जबकि वित्त वर्ष 2020 में इसे 348 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। हालांकि, शाओमी का शुद्ध फायदा वित्त वर्ष 2021 में 31% घटकर 275 करोड़ रुपए रहा, जबकि लेनोवो इंडिया का शुद्ध फायदा 17% घटकर 59 करोड़ रुपए रहा।