सुप्रीमकोर्ट ने अमेजन की याचिका पर फ्यूचर समूह से मांगा जवाब, 24,500 करोड़ रुपए का है मामला
मुंबई- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिलायंस के साथ फ्यूचर रिटेल के 24,500 करोड़ रुपए के विलय सौदे पर सुनवाई की। इसने मध्यस्थ ट्रिब्यूनल (arbitral tribunal) के समक्ष चल रही मध्यस्थता कार्यवाही (arbitration proceedings) पर रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के 5 जनवरी के आदेश के खिलाफ अमेजन की याचिका पर फ्यूचर समूह से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और हेमा कोहली की पीठ ने फ्यूचर ग्रुप फर्म फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि वह 23 फरवरी कोबिना किसी स्थगन के मामले की सुनवाई करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 जनवरी को अमेजन-फ्यूचर मध्यस्थता पर रोक लगा दी थी। यह सुनवाई रिलायंस के साथ 24,500 करोड़ रुपए के सौदे पर तीन सदस्यीय ऑर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के समक्ष चल रही है।
पिछले हफ्ते अमेजन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी। गोपाल सुब्रमण्यम के साथ सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस ने कहा कि कैसे मीडिया ने 8 फरवरी को अमेजन को संबोधित उनकी मौखिक टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की मंजूरी के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
CJI एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लिखित निवेदन दाखिल करने के अमेजन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। देरी से यह अनुरोध किए जाने से नाराज पीठ ने कहा कि यह एक आरामदायक मुकदमा नजर आता है। मु्ख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप मामले को जटिल बनाना चाहते हैं। आप इसे खींचना चाहते हैं ताकि सुनवाई चलती रहे। फ्यूचर- अमेजन विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।