भाजपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव में एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया
मुंबई- भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में अब तक जितने उम्मीदवारों को उतारा है, उनमें एक भी मुसलमान नहीं है। हालांकि एक मुसलमान उम्मीदवार को भाजपा सपोर्ट जरूर कर रही है।
13 जनवरी को कांग्रेस ने इन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया था, लेकिन हैदर ने कांग्रेस छोड़ अपना दल का दामन थाम लिया। अब चूंकि अपना दल BJP के साथ गठबंधन में है, इसलिए BJP उन्हें सपोर्ट कर रही है। हैदर 32 साल के हैं। रामपुर राजघराने से हैं। कांग्रेस नेता नूर बानो के नाती हैं। नूर बानो रामपुर से दो बार सांसद रही हैं। इनके पापा का नाम नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां है। कांग्रेसी हैं। 4 बार विधायक रह चुके हैं।
राज्य मंत्री भी रहे हैं। रामपुर सदर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। नावेद मियां UP के सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक भी हैं। इनके पास 2 अरब 96 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। कुल संपत्ति में से 2 करोड़ घटा देंगे तो बाकी संपत्ति विरासत में मिली है।
हैदर अली खान ने लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। एसेक्स यूनिवर्सिटी, लंदन में भी पढ़े हैं। विदेश जाने से पहले दिल्ली के मॉडर्न स्कूल में पढ़ाई की थी। हैदर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘स्वार की जनता मेरे साथ है। बंपर जीत होगी। योगी महाराज के काम से बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। आजम खान तो दंगे कराते हैं। मैं सिर्फ विकास की बात करता हूं। योगी सरकार आ रही है, 300 पार आ रही है।’
असल में UP में BJP अपना दल (एस) और NISHAD पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने हैदर अली को रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से टिकट दिया है। 2014 के बाद से UP में ऐसा पहली बार हुआ है कि भगवाधारी NDA गठबंधन ने किसी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 9 पर जीत हासिल हुई थी। इस बार अनुप्रिया पटेल का अपना दल 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इनमें से एक सीट स्वार भी है।
स्वार सीट पर मुस्लिम ज्यादा हैं। यहां 2002 से 2017 तक हैदर के पापा ही विधायक रहे हैं, लेकिन पार्टी कांग्रेस थी। 2017 में हैदर के पापा फिर से चुनाव लड़े, लेकिन जेल में बंद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान से 65,000 से अधिक वोट से चुनाव हार गए थे। हारे तो हारे, तीसरे स्थान पर रहे।