जानिए इस बार कौन होंगे राष्ट्रपति, महिला को मिल सकती है सीट
मुंबई- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। पांच महीने बाद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के बाद नामों पर मंथन और तेज हो जाएगा।
इस बीच राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के लिए BJP और RSS के बीच चार नामों को लेकर सबसे अधिक चर्चा है। इनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान, और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रमुखता से शामिल हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी मौके पर नया नाम लाकर सबको चौंका भी सकते हैं, जैसा कि अक्सर देखने को मिला है।
अब तक तीन मुस्लिम राष्ट्रपति बने हैं। इसमें अब्दुल जे कलाम, जाकिर हुसैन और फखरूद्दीन अली अहमद रहे हैँ। सिर्फ दो दलित राष्ट्रपति बने हैं। एक के आर नारायणन और अभी के रामनाथ कोविंद हैं। महिला राष्ट्रपति केवल प्रतिभा पाटिल रही हैं।
आनंदी बेन पटेल : आनंदी बेन पटेल PM नरेंद्र मोदी की बेहद करीबी हैं, वे UP की राज्यपाल हैं। गुजरात की CM रह चुकी हैं। हालांकि, आनंदी बेन पटेल के लिए निगेटिव बात ये है कि उनकी उम्र 80 साल से अधिक है, जिसके चलते उनके नाम पर सहमति बनाना कठिन हो सकता है। NDA के पहले कार्यकाल में भाजपा ने वैज्ञानिक अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया था, वे राष्ट्रपति भी बने। इसके जरिये भाजपा ने देश और दुनिया के मुस्लिमों को संदेश देने की कोशिश की थी।
PM मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाकर दूसरा बड़ा संदेश दिया। मुस्लिम और दलित के बाद अब भाजपा एक महिला को राष्ट्रपति बनाकर 2024 से पहले महिलाओं में भी एक बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है।
आरिफ मोहम्मद खान : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान UP के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। शाहबानो केस को लेकर आरिफ ने राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए थे। तीन तलाक, CAA जैसे मामलों पर आरिफ हमेशा भाजपा के लिए ढाल बने रहे। भाजपा उन्हें प्रगतिशील विचारधारा का मानती है। ऐसे में फिर से मुस्लिम चेहरे को राष्ट्रपति बनाकर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में यह मैसेज देना चाहेंगे कि वे मुस्लिम विरोधी नहीं हैं, बल्कि तुष्टिकरण का विरोध करते हैं।
वेकैंया नायडू : उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं और लंबे समय से भाजपा से जुड़े हैं। नायडू 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वे अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे। मोदी सरकार में शहरी विकास, आवास, शहरी गरीबी उन्मूलन, सूचना प्रसारण तथा संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण महकमे की कमान संभाली। नायडू अगस्त 2017 से उपराष्ट्रपति हैं।
नीलम संजीव रेड्डी ने देश के 9वें राष्ट्रपति के तौर पर 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। तब से हर बार 25 जुलाई को ही नए राष्ट्रपति कार्यभाल संभालते आए हैं। रेड्डी के बाद ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकरदयाल शर्मा, केआर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणव मुखर्जी और रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ ले चुके हैं।