इन शेयर्स में मिल सकता है 69 पर्सेंट तक का फायदा
मुंबई- मिडकैप शेयरों के लिए 2021 का साल शानदार रिटर्न देने वाला रहा है। मिडकैप इंडेक्स 44% तक बढ़ा। जानकारों का मानना है कि अब 2022 में कुछ ऐसे शेयर भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं जो अब तक अंडरपरफॉर्म करते रहे हैं।
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म UBS ने 3 ऐसे शेयर चुने हैं, जो अभी वैल्यूएशन के लिहाज से महंगे नहीं हैं और भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। इनमें जस्ट डायल, पीवीआर और एजिस लॉजिस्टिक्स का समावेश है। ये तीनों शेयर 2022 में अब तक तेजी दिखाते रहे हैं। साल के पहले 18 दिनों के दौरान इनमें 3 से 15% तक तेजी देखी जा चुकी है।
जस्ट डायल के शेयर मंगलवार को 838 रुपये पर बंद हुए हैं। हालांकि एक दिन पहले तक इसका भाव 875 रुपये पर था। 2021 के पूरे साल के दौरान जस्ट डायल के शेयर में 25 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी, जो मिडकैप इंडेक्स के औसत प्रदर्शन के मुकाबले कम ही रही है। 2021 में मुकेश अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल ने जस्ट डायल का अधिग्रहण भी कर लिया है। ब्रोकरेज ने इसके लिए 1,350 रुपए का टारगेट प्राइस दिया है।
UBS का मानना है कि रिलायंस जैसे मजबूत समूह का हिस्सा बनने के बाद अब इस शेयर में काफी मजबूती देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज का मानना है कि B2C और B2B श्रेणी में कंपनी के बिजनेस भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, जिनमें जेडीमार्ट (JDMart) जैसे ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
UBS की राय में जस्ट डायल के शेयर अभी इसके लोकल और ग्लोबल कंपनियों के मुकाबले काफी डिस्काउंट पर चल रहे हैं।
इसका मतलब यह भी है कि मार्केट अभी ग्रोथ की संभावना को नज़रअंदाज़ कर रहा है। इसकी तुलना में घरेलू B2B प्लेफॉर्म्स में देश का मार्केट लीडर इंडिया मार्ट अभी FY23 PE के मुकाबले 50 गुना कीमत पर ट्रेड कर रहा है। एजिस लॉजिस्टिक्स की वोपैक (Vopak) के साथ डील हो रही है, जिसके इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
UBS के एनालिस्ट्स को भरोसा है कि इस डील से एजिस को न सिर्फ एक मजबूत पार्टनर मिलेगा, जिससे उसका कैपेक्स रिस्क कम हो जाएगा और बेहतर तकनीक तक कंपनी की पहुंच भी बढ़ेगी। कंपनी ने क्षमता विस्तार में बड़े पैमाने पर पूंजीगत निवेश (capex) का प्लान भी बनाया है, जिससे उसकी ग्रोथ को नई ताकत मिलेगी।
एजिस के शेयर अभी अपने एक साल के फॉरवर्ड पीई के मुकाबले 16 गुना के मल्टिपल पर ट्रेड कर रहे हैं, जो उसके 5 साल के एवरेज से कम है। UBS का मानना है कि बाजार अभी एजिस-वोपैक डील के कारण भविष्य में मिलने वाली ग्रोथ को नजरअंदाज़ कर रहा है. ब्रोकरेज ने इस कंपनी के लिए 380 रुपए का जो टारगेट प्राइस दिया है। इस हिसाब से इसमें अभी करीब 69 फीसदी मुनाफे की गुंजाइश दिख रही है।
हालांकि कोविड-19 की नई-नई लहरों के कारण PVR के फिल्म थियेटर बिजनेस के लिए रिस्क बढ़ जाता है, लेकिन UBS के एनालिस्ट्स का मानना है कि OTT प्लेटफॉर्म पर होने वाले रिलीज़ के कारण कंपनी के लिए ज्यादा रिस्क नहीं है। इसका लक्ष्य 2000 रुपए तय किया है। उनका मानना है कि OTT रिलीज़ में तेजी से बढ़ोतरी होने का जोखिम बहुत कम है, क्योंकि बड़े बजट की फिल्मों को थिएटर में ही रिलीज करना होता है और उनके बीच के समय में छोटी फिल्मों को थिएटर के माध्यम से ज्यादा बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचने का मौका मिल जाता है।
PVR के शेयर फिलहाल कोविड से पहले के समय के मुकाबले काफी डिस्काउंट पर मिल रहे हैं। इस गिरावट के लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे और OTT ऐप्स से मिल रही चुनौती को जिम्मेदार माना जा रहा है. लेकिन UBS के एनालिस्ट्स के मुताबिक आंकड़ों पर देखने से लगता है कि मार्केट इन चिंताओं को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर देख रहा है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में यह शेयर लोगों को सकारात्मक रूप से चौंकाने की क्षमता रखता है।