अगले साल आईपीओ के लिए यह चार बड़ी कंपनियां हैं तैयार, जानिए किसमें लगाएं पैसे
मुंबई- 2021 आईपीओ के लिए शानदार रहा। लेकिन 2022 आईपीओ निवेशकों के लिए और भी शानदार साबित हो सकता है। इस साल कुछ दिग्गज कंपनियों के मेगा आईपीओ आ सकते हैं। इसमें चार बड़ी कंपनियां हैं, जिसके बारे में हम बता रहे हैं।
2021 में 65 कंपनियों ने कुल 1.29 लाख करोड़ रुपए बाजार से जुटाया है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी आईपीओ लॉन्च करने वाली कंपनियों की होड़ रही। अगले साल के जो बड़े आईपीओ आने हैं, उसमें सबसे पहले नाम एलआईसी का है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, जो 1 लाख करोड़ रुपए तक जुटा सकती है।
सरकारी कंपनी LIC 2022 में अपना बहु्प्रतीक्षित आईपी लॉन्च कर सकती है। यह देश का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा और इसके जरिये सरकार एलआईसी में 5 से 10 फीसदी की हिस्सेदारी बेच सकती है। एक अनुमान के मुताबिक सरकार इससे पैसा जुटाती है तो विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में काफी मददगार साबित हो सकती है.
इसी तरह बायजू भी है। यह भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्टार्ट-अप कंपनियों में से एक है जो आईपी के जरिये 4500 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटा सकती है। यह कंपनी अगले साल की दूसरी तिमाही तक अपना ड्राफ्ट पेपर सेबी में दाखिल कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक बैंकर इसकी वैल्युएशन 40 अरब डॉलर से लेकर 50 अरब डॉलर तक लगा सकते हैं।
इस एजुकेशन स्टार्ट-अप में फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग और दिग्गज निवेश कंपनियों ने पैसा लगाया है. इसके बैंकरों में मॉर्गन स्टेनले, सिटीग्रुप और जेपी मॉर्गन शामिल हैं। पिछले कुछ अरसे ने इसने बड़े अधिग्रहण करके अपनी स्थिति मजबूत की है.
ओला को कौन नहीं जानता है। बेंगुलरू स्थित यह कंपनी 7 से 14 हजार करोड़ की पूंजी जुटाने के लिए आईपीओ मार्केट में उतरेगी। दूसरी स्टार्ट-अप के उलट ओला मुनाफे में है। कंपनी ने वित्त वर्ष में 898 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। पिछले दिनों ओला ने प्री-आईपीओ राउंड में 3500 करोड़ रुपए जुटाए हैं। हाल में इस कंपनी ने GeoSpoc के अधिग्रहणका ऐलान किया है। इसके जरिये ओला वर्ल्ड क्लास लोकेशन टेक्नोलॉजी तैयार करना चाहती है।
लॉजिस्टिक कंपनी डेलहीवरी ने सेबी के पास पेपर जमा करा दिया है। इस लॉजिस्टिक कंपनी का 3500 करोड़ रुपये का आईपीओ आ सकता है। इस आईपीओ के जरिये 7.6 अरब फ्रेश शेयर जारी किए हैं। जबकि ऑफर फॉर सेल 24 अरब रुपये से ज्यादा का होगा। इस कंपनी हाल में अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का समझौता किया है।