पनामा पेपर्स में 930 कंपनियां, जानिए बाजार की गिरावट में ये कैसे शामिल हैं

मुंबई- बाजार की गिरावट के कई कारण बताए जा रहे हैं। लेकिन हकीकत कुछ और है। खबर है कि पनामा पेपर्स में जिन कंपनियों और प्रमोटर्स के नाम आए हैं, उन पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है। इस मामले में जांच एजेंसियों ने लिस्ट तैयार कर ली है। 930 कंपनियों ने 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम विदेशों में छिपाई है।  

पनामा और पैराडाइज पेपर लीक में भारत से जुड़ी 930 कंपनियों के 20,353 करोड़ रुपए का पता चला है। कुछ समय पहले ही राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसकी जानकारी दी। पंकज चौधरी ने कहा कि इन पैसों का पता चलने के बाद 153.88 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला गया है। ये डेटा 1 अक्टूबर 2021 तक का है। पंकज चौधरी ने कहा, ‘टैक्स डिपार्टमेंट उन व्यक्तियों पर कार्रवाई करता है, जो आयकर विभाग के नियमों के उल्लंघन में शामिल पाए जाते हैं। इन नियमों में इनकम टैक्स एक्ट 1961, ब्लैक मनी (अनडिस्क्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 शामिल है।’ 

उन्होंने कहा, ‘डायरेक्ट टैक्स लॉ के तहत इस तरह की कार्रवाइयों में तलाशी और जब्ती, सर्वे, पूछताछ, इनकम का असेसमेंट और रिएसेसमेंट, ब्याज के साथ टैक्स लगाना, पेनाल्टी लगाना, क्रिमिनल कोर्ट में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दर्ज करना शामिल है।’ इनके साथ ही अपोलो टायर्स, इंडोरामा, समीर गहलोत सहित काफी सारे नाम हैं। माना जा रहा है कि जांच एजेंसियां जो लिस्ट बना रही हैं, उसमें सभी को बुलाया जा सकता है। यही वजह है कि बाजार में तेज गिरावट दिख रही है। शुक्रवार और सोमवार इसी बात के गवाह हैं।  

सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों और रेगुलेटर्स ने पनामा पेपर्स में जिन कंपनियों की लिस्ट बनाई है, उस पर कार्रवाई तय है। कहा जा रहा है कि यही कारण है कि बाजार में सोमवार को भारी बिकवाली आई। अमूमन एक दिन भारी गिरावट के बाद बाजार में दूसरे दिन रिकवरी होती है। लेकिन शुक्रवार को 889 पॉइंट्स की सेंसेक्स में गिरावट के बाद सोमवार को फिर 1100 से अधिक की गिरावट आई।  

बताया जा रहा है कि पनामा पेपर्स में 2016 में जिनके नाम आए थे, अब उन पर कार्रवाई की जाएगी। इन लोगों को जल्द ही नोटिस भेजी जा सकती है। हालांकि सोमवार को ऐश्वर्या राय से इसकी शुरुआत जरूर हुई है, पर यह मामला उससे अलग है। कंपनियों पर कार्रवाई का मतलब है कि उनके शेयर्स में भारी गिरावट आ सकती है। 

बता दें कि पनामा पेपर्स में कई सारे प्रमोटर्स के नाम आए हैं। इन लोगों का नाम पहले ही सामने आ चुका है। अब इन पर नोटिस भेजकर कार्रवाई की जाएगी। पनामा और पैराडाइज पेपर लीक के 52 मामलों में, ब्लैक मनी (अनडिस्क्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के तहत क्रिमिनल प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट फाइल की गई हैं। इसके अलावा, 130 मामलों में इस एक्ट के तहत प्रोसीडिंग्स शुरू की गई है। 

उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के मध्य में स्थित एक देश है पनामा। इसी देश की एक कंपनी मोसेक फोंसेका. इस कंपनी की स्थापना 1977 में हुई थी। इससे दुनियाभर में 2 लाख कंपनियां जुड़ी हुई हैं जो इसके लिए एजेंट की तरह काम करती हैं। मोसेक फोंसेका के ही करोड़ों दस्तावेज लीक हुए थे, जिन्हें पनामा पेपर्स लीक कहा जाता है। 

इस सूची में उद्योगपति अनिल अंबानी, गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी, बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार शॉ के पति जॉन शॉ, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के बेटे बकुलनाथ, अभिनेता जैकी श्रॉफ भी हैं। 

गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले पूर्व पेट्रोलियम मंत्री दिवंगत कैप्टन सतीश शर्मा की कई विदेशी कंपनियों, ट्रस्ट व संपत्तियों में भागीदारी का दावा किया गया है। उनकी पत्नी, बच्चों और पौत्रों समेत परिवार के 10 सदस्य जेन जेगर्स ट्रस्ट के लाभार्थी हैं। उन्होंने इसका खुलासा कभी चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय नहीं किया। 

अगस्तावेस्टलैंड घोटाले में राजीव सक्सेना नाम के जिस दलाल का नाम सामने आया था, उसने पूछताछ में प्रिस्टीन रिवर इन्वेस्टमेंट्स से पैसे मिलने की बात कबूली थी। पैंडोरा पेपर्स से पता चलता है कि जॉन डॉकर्ती नाम का स्विस नागरिक कमलनाथ के बेटे बकुलनाथ के लिए यह कंपनी चलाता था। डॉकर्ती ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में स्थापित कंपनी स्पेक्टर कंसल्टेंसी सर्विसेज का डायरेक्टर है, जबकि बकुल नाथ इसके लाभार्थी हैं। ब्रिटिश वर्जिन की एक अन्य कंपनी सेलब्रूक लिमिटेड, स्पेक्टर कंसल्टेंसी की शेयरधारक है। 

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