शेयर बाजार में 15 से 20% की आ सकती है गिरावट

मुंबई- शेयर बाजार में चल रही जबरदस्त तेजी का असर अब उल्टा हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि बाजार में यहां से 15-20% की गिरावट आ सकती है। यानी BSE का सेंसेक्स 900-1100 अंक टूट सकता है।  

स्वस्तिका इन्वेस्टेमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा कहते हैं कि अगला हफ्ता बाजार के लिए मुश्किलों वाला होगा। उनका कहना है कि नीचे की ओर निफ्टी का सपोर्ट 17,430 से 17,250 तक के बीच रह सकता है। इसके नीचे जाने पर निफ्टी 16,700 तक जा सकता है।  

उनका कहना है कि अगर निफ्टी 17,800 के लेवल को मैनेज कर पाता है तो फिर यह 18 हजार के लेवल को टच कर सकता है। हालांकि निकट समय में इसमें गिरावट दिख सकती है। मिड कैप में शुक्रवार को थोड़ा बिकवाली का दबाव देखा भी गया था।  

पिछले 17 महीने से बाजार में जो तेजी है, उसमें अभी तक कोई गिरावट नहीं आई है। बाजार के इतिहास में जब भी ऐसी तेजी आई है, उसमें गिरावट जरूर दिखी है। 15-20% की गिरावट यहां से बाजार में दिख सकती है। पिछले 30 सालों के आंकड़ों को देखें तो 20 साल में जब भी बाजार की तेजी आई है, उसके बाद 15% की गिरावट दिखी है।  

टॉप 500 लिस्टेड कंपनियों को देखा जाए तो यह इस समय 32 के PE मल्टीपल पर कारोबार कर रही हैं। बाजार की अब तक जितनी भी तेजी आई है, उसमें यह अब तक का सबसे महंगा लेवल है। चाहे वह 2008 की तेजी रही हो, या कोई भी तेजी रही हो। PE मतलब प्राइस टू अर्निंग। यानी किसी कंपनी का शेयर अगर 32 के मल्टीपल PE पर कारोबार कर रहा है तो इसका मतलब हम उसके एक रुपए के शेयर के लिए 32 रुपए दे रहे हैं।  

साल 2018 की बाजार की तेजी से तुलना करें तो उस समय टॉप 500 कंपनियों के शेयर 25 के मल्टीपल PE पर कारोबार कर रहे थे। 2008 में भी इसी मल्टीपल PE पर कंपनियों के शेयर कारोबार कर रहे थे।  

बाजार की गिरावट में मिड कैप और स्माल कैप 15% की तुलना में 30% तक टूट सकते हैं। बाजार में करेक्शन का कोई समय तय नहीं है। हो सकता है कि यह अगले हफ्ते हो, हो सकता है कि यह दो महीने बाद हो। 2003 से 2007 के दौरान हर साल करीबन 15% की गिरावट बाजार में दिखी थी। कुछ समय एक साल में दो बार भी गिरावट दिखी थी। 

त्यौहारी सीजन, आने वाले ढेर सारे अच्छी कंपनियों के IPO, फिर अगले साल बजट जैसे इवेंट हैं। ऐसे में बाजार में तेजी बने रहने का एक कारण है। पिछले एक साल में भारतीय बाजार में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 100 लाख करोड़ रुपए की बढ़त आई है।

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