भारत पर ISISI आतंकी हमले की तैयारी में, भारत चौकन्ना हुआ
मुंबई– काबुल में हुए धमाके के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। आशंका है कि यह संगठन दक्षिण एशिया और इसके बाद भारत तक पहुंचने की कोशिश कर सकता है। ISIS खुरासान कट्टर इस्लामी शासन थोपना चाहता है।
ISIS-K को IS-K यानी इस्लामिक स्टेट खुरासान भी कहा जाता है। यह संगठन तालिबान और अल-कायदा से भी कट्टर माना जाता है। भारतीय खुफिया अधिकारियों को आशंका है कि यह ग्रुप जिहादी मानसिकता का विस्तार करना चाहता है। इसकी कोशिश है कि यह सेंट्रल एशिया और फिर भारत तक पहुंचे। इसकी मंशा युवाओं को अपने संगठन से जोड़ने और फिर आतंकी हमले कराने की है।
अधिकारी मानते हैं कि खुरासान ग्रुप खलीफा का निजाम लाना चाहता है और यह भारत तक पहुंचने की कोशिश करेगा। भारतीय खुफिया एजेंसियां इसलिए भी सतर्क हैं क्योंकि केरल और मुंबई के कुछ युवा पहले ISIS में शामिल हो चुके हैं। कुछ और युवाओं को बहकाया जा सकता है। एक अधिकारी का कहना है कि अगर यह ग्रुप साजिश रचता है तो भारत में कुछ कट्टरपंथी या आतंकी संगठन फिर सिर उठा सकते हैं। खुरासान ग्रुप युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकता है। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद आतंकी संगठनों को नई ताकत मिली है।
भारत में कई हमलों का जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद अब अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत पहुंच गया है। इसकी सीमा कंधार से लगती है। इसी तरह लश्कर-ए-तैयबा पूर्वी अफगानिस्तान के कुनार प्रांत से ऑपरेट कर रहा है। 2008 के मुंबई हमलों के पीछे लश्कर ही जिम्मेदार था। यह संगठन सबसे पहले 2014 में सामने आया। बाद में इसकी पहचान एक बेहद दुर्दांत और वहशी संगठन के तौर पर होने लगी। हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से इसके रिश्ते हैं। अमेरिकी अफसर मानते हैं कि इस ग्रुप में पाकिस्तानी और उज्बैक लड़ाके शामिल हैं। खास बात यह है कि इस संगठन और अफगान तालिबान के बीच भी दुश्मनी है। हालांकि, ये साफ नहीं है कि इराक और सीरिया में एक्टिव आईएस से इसके कितने करीबी रिश्ते हैं।

