अब 10 मिनट में मिलेगी ग्रॉसरी की सामान, मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों से होगी शुरुआत

मुंबई- ग्रोफर्स ने 10 मिनट में 10 शहरों में ग्रॉसरी सामान की डिलिवरी का ऑफर किया है। प्रमुख शहरों में दिल्ली, मुंबई, नोएडा, जयपुर, लखनऊ, बंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, गुरुग्राम और गाजियाबाद होंगे।  

हालांकि अभी भी ग्रोफर्स औसतन 15 मिनट में डिलिवरी करती है। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इस औसत को अब हर ग्राहक के लिए 10 मिनट पर लाना है। ग्रोफर्स ने अपने नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए ढेर सारे पार्टनर्स के साथ साझेदारी की है। इसे विश्वास है कि अगले 45 दिनों में ज्यादातर ग्राहकों को 10 मिनट में डिलिवरी शुरू कर देगी। ग्रोफर्स ने कहा कि ग्राहक अब 7 हजार से ज्यादा आइटम को हर रोज ऑर्डर कर सकते हैं।  

कंपनी ने कहा है कि अगर आपकी एरिया में अभी तक यह सुविधा शुरू नहीं हुई है, तो आने वाले समय में शुरू हो जाएगी। ई-कॉमर्स सेक्टर में ई-ग्रॉसरी तेजी से बढ़ता हुआ सेगमेंट है। देश में डिजिटल के बढ़ते चलन से ग्राहक इसका उपयोग कर रहे हैं। कोरोना ने डिजिटल को बढ़ाने में और मदद किया है। जोमैटो ने पिछले महीने ग्रोफर्स में माइनॉरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 745 करोड़ रुपए का निवेश किया था।  

देश में ई-कॉमर्स बाजार की वैल्यू 2030 तक 40 अरब डॉलर की हो सकती है। यह 2019 में 4 अरब डॉलर थी। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में इंटरनेट ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग ऑन लाइन शॉपिंग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे और चौथे लेवल के शहर में डिजिटल फुटप्रिंट तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही गांवों में भी डिजिटल उपयोग में तेजी आ रही है।  

रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक ई-कॉमर्स बाजार की वैल्यू 20 अरब डॉलर हो सकती है। ऐसा अनुमान है कि देश में 2026 तक इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या 110 करोड़ हो सकती है। इसमें से एक तिहाई लोग ऑन लाइन खरीदी करेंगे। देश में ई-कॉमर्स बाजार की वैल्यू 2030 तक 40 अरब डॉलर की हो सकती है। यह 2019 में 4 अरब डॉलर थी। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में इंटरनेट ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा लोग ऑन लाइन शॉपिंग कर रहे हैं।  

रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे और चौथे लेवल के शहर में डिजिटल फुटप्रिंट तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही गांवों में भी डिजिटल उपयोग में तेजी आ रही है। हालांकि लाइफ स्टाइल रिटेल बाजार 2019 में 90 अरब डॉलर था जो 2026 तक 156 अरब डॉलर हो सकता है। 2030 तक यह 215 अरब डॉलर को टच कर सकता है। अभी 70% लाइफ स्टाइल रिटेल की मांग वैल्यू लाइफ स्टाइल सेगमेंट से आती है।  

अन ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की इसमें 80% हिस्सेदारी है। 2030 तक यह घट कर 57% पर आ सकता है। ऐसा अनुमान है कि देश में 2026 तक इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या 110 करोड़ हो सकती है। इसमें से एक तिहाई लोग ऑन लाइन खरीदी करेंगे। 

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