इलेक्ट्रिक गाड़ियां OTP से चार्ज होंगी, घर में रख सकते हैं चार्जर

मुंबई- 2030 तक सरकार चाहती है कि 100% गाड़ियां इलेक्ट्रिक की हों। हाल में सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और रॉकी माउंटेन ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल फाइनेंस इंडस्ट्री का साइज 3.7 लाख करोड़ रुपए का होगा। इसी के साथ अगले दस सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग इंफ्रा और बैटरियों में 19.7 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी।  

हालांकि, अभी भी किसी व्यक्ति को अगर चार्जिंग स्टेशन खोलना हो तो इसके लिए मंजूरी नहीं है। सरकार अभी इसके लिए गाइडलाइंस लाएगी। सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्प के एक अधिकारी के मुताबिक, सरकार जब तक इस पर गाइडलाइंस नहीं लाती है, तब तक व्यक्तिगत स्तर पर कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं खोल पाएगा।

इस सेगमेंट में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्प, इंडियन ऑयल कॉर्प, पावर ग्रिड जैसी सरकारी कंपनियां तेजी से काम कर रही हैं। इसके अलावा जो कंपनियां गाड़ियां बना रही हैं, वे भी अपनी EV मोबिलिटी के तहत स्टेशन लगा रही हैं। जैसे महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो मोटो,  टाटा आदि हैं। टाटा पावर तो इस सेगमेंट में एक बड़ा दांव खेल रही है। टाटा पावर ने सरकारी तेल कंपनियों के साथ इंद्रप्रस्थ गैस से भी करार किया है।  

हीरो ग्रुप अगले 6 महीनों में कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर लांच कर देगी। हर साल कंपनी 10 स्कूटर या तो लांच करेगी या अपग्रेड करेगी। कंपनी खुद चुनिंदा शहरों में अपने EV स्टेशन लगाने की योजना बना रही है। वड़ोदरा की चार्ज जोन कंपनी इस समय डीलर्स नियुक्त कर रही है। इसकी योजना अगले 8 सालों में 1 लाख चार्जिंग स्टेशन लगाने की है। अभी उसने 175 चार्जिंग स्टेशन लगाया है। कंपनी का कहना है कि डीलर्स के लिए कम से कम 150 वर्ग मीटर की जगह होनी चाहिए। साथ ही 75 लाख रुपए का निवेश का बजट होना चाहिए। कंपनी का दावा है कि इसके हिसाब से निवेशक को सालाना 18% का फायदा हो सकता है।  

दोपहिया EV के चार्जिंग स्टेशन की बात करें तो इसमें ओला हाइपर चार्जर नेटवर्क चार्जिंग प्वाइंट लेकर आई है। 400 शहरों में इसे शुरू करने की योजना है। 1 लाख से ज्यादा चार्जिंग पॉइंट लगाने की योजना है। ओला स्कूटर 18 मिनट में 50% चार्ज हो सकता है। इससे यह 75 किलोमीटर तक जा सकता है। यह चार्जिंग स्टेशन आईटी पार्क, ऑफिस कॉप्लेक्स, कैफे और मॉल्स के साथ बिजनेस वाले हब में होगा। 

किसी भी EV चार्जिंग स्टेशन के जरिए 40-50 मिनट में गाड़ियों को 80% तक चार्ज किया जा सकता है। भारत के ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में टाटा पावर सबसे आगे है। टाटा का EV चार्जिंग नेटवर्क 9 राज्यों में है। इसमें मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद प्रमुख शहर हैं। 40 शहरों में इसके 300 चार्जिंग पॉइंट हैं।   

बंगलुरू का स्टार्टअप चार्जर कंपनी इसे बनाती है। यह एक पोर्टेबल किराना चार्जर होता है। यह चार्जर माल्स, सोसाइटीज, छोटी दुकानों, रेस्टोरेंट आदि में लगा सकते हैं। यह केवल 15 हजार रुपए में मिलता है। इसका फायदा यह है कि आप किसी भी तरह की अपनी दुकान में इसे लगा सकते हैं और ग्राहक चार्जिंग के लिए पैसा देंगे। यह आपकी अलग से कमाई हो सकती है। इससे आपकी दुकान पर ग्राहकों की संख्या बढ़ सकती है। 

EV चार्जर्स को आप कंट्रोल भी कर सकते हैं। इसमें OTP की सुविधा होती है। यानी कोई और व्यक्ति इससे अपनी गाड़ी को चार्ज नहीं कर सकता है। आपने अपनी पार्किंग एरिया में अगर चार्जिंग पॉइंट लगाया है तो बिना आपकी मंजूरी के कोई इसका उपयोग नहीं कर पाएगा। ज्यादातर EV चार्जर्स रिमोट एक्सेस, स्मार्ट चार्जिंग और कंट्रोल के साथ आते हैं। अगर आपके घर से पार्किंग एरिया दूर है तो आप इसे कनेक्टिंग केबल के जरिए वहां तक घर से ही चार्ज कर सकते हैं।  

रिलायंस बीपी मोबिलिटी ने स्विगी के साथ भागीदारी की है। इसके जरिए हाइवे पर कंपनी चार्जिंग स्टेशन लगाएगी। रिलायंस बीपी के पास 1,400 पेट्रोल पंप हैं और इसे बढ़ाकर 5,000 करने की योजना है।  

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