वोडाफोन आइडिया को चलाने के लिए चाहिए 70 हजार करोड़ रुपए

मुंबई– वोडाफोन आइडिया को चलाने के लिए कम से कम 70 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके साथ ही उसे एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के लिए सरकार की ओर से राहत भी चाहिए। कंपनी को इस समय पैसे की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।  

डच बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वोडाफोन आइडिया को इक्विटी के तौर पर या फिर ग्राहकों से हो रही कमाई को बढ़ाकर यह रकम जुटानी होगी। ऐसी स्थिति में उसे हर ग्राहकों की कमाई को 200 रुपए तक बढ़ाना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, अंत में वोडाफोन आइडिया के लिए सोल्यूशन यही है कि उसे नई इक्विटी और लागत से राहत के लिए करीबन 1 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को इस बारे में सपोर्ट करने की जरूरत है। इसके तहत उसे AGR के लिए राहत देना होगा। AGR की रकम में कमी करनी होगी। वोडाफोन आइडिया को AGR के रुप में अगले दस सालों तक 60 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं। इसे हर साल एक किस्त के रूप में देना है। मार्च तिमाही में कंपनी को 7 हजार करोड़ रुपए का भारी-भरकम घाटा हुआ था।  

कंपनी का शेयर हालांकि सोमवार को 5% के करीब बढ़ कर 9.18 रुपए पर कारोबार कर रहा था। जबकि पिछले हफ्ते यह 8.18 रुपए तक चला गया था। दो दिनों में इसमें 15% की गिरावट दर्ज की गई थी। यूके की वोडाफोन और भारत की आदित्य बिरला ग्रुप के साथ फिलहाल दोनों का ज्वाइंट वेंचर है। इसने पिछले साल सितंबर में 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की थी। पर अभी तक इस पर सफल नहीं हो पाई है।  

कंपनी यह पैसा कर्ज और शेयरों को बेच कर जुटाने वाली है। टेलीकॉम विभाग को हाल में भेजे गए एक पत्र में वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसकी आर्थिक हालत खराब है और साथ ही टेलीकॉम सेक्टर भी खराब दौर से गुजर रहा है। ऐसे में उसे 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उसने कहा कि अगले साल अप्रैल में AGR की किस्त का वह पेमेंट भी नहींकर पाएगी। इस समय के हालात से ऐसा लगता है।  

कंपनी को अगले साल ही 8,292 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम के लिए भी चुकाना है। अगले साल तक उसे कुल 28 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं। इसमें कर्ज है। नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (NCD) की देनदारी है। स्पेक्ट्रम का और साथ ही AGR का भी पैसा है।  

एंबिट कैपिटल ने कहा कि अगर वोडाफोन आइडिया पैसा जुटाने में फेल होती है तो आगे इसके लिए और दिक्कत बढ़ सकती है। इसे मोरेटोरियम की जरूरत पड़ सकती है। एडलवाइस रिसर्च ने कहा कि कंपनी तभी पैसे जुटाने में सफल होगी, जब यह पहले पैसा डालेगी। हाल में कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा था कि वह कॉल दरों को बढ़ाने का कोई फैसला नहीं कर रही है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *