मुर्दे भी चलाते हैं बैंक खाता, HSBC बैंक में मुर्दे के खातों से निकाले गए पैसे
मुंबई- विदेशी बैंक HSBC बैंक में मुर्दों के नाम से भी खाता चलता है। इस तरह के कई मामले सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा का पता चला है।
जानकारी के मुताबिक, HSBC बैंक के एक खातेदार की कुछ समय पहले मौत हो गई थी। उस अकाउंट में लेन-देन बंद हो चुका था। इसी का फायदा उठाकर बैंक अधिकारी ने 75 लाख रुपए उस अकाउंट से अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर कर दिया। मामला मुंबई के बोरीवली इलाके का है। यहां मृतक का 8 साल से खाता था। फरवरी 2020 में उनका निधन हो गया। मृतक की बेटी ने अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक में आवेदन किया।
एक साल बीत जाने पर भी जब रकम ट्रांसफर नहीं हुई तो उसने बैंक अधिकारियों के पास इसकी शिकायत की। बैंक को इस पर शक हुआ कि एक साल में पैसा ट्रांसफर क्यों नहीं हुआ। बैंक ने जांच की तो इसी तरह के एक और अकाउंट का मामला सामने आया। अंथोनी के नाम से इस खाते से 53 लाख 95 हजार रुपए गायब कर दिए गए। पहले मृतक के खाते से जिस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया पता चला कि बैंक के सर्विस मैनेजर टिंकू नलवा ने किया है।
शक होने पर बैंक ने दूसरे मृतक अंथोनी के पते पर जब कर्मचारी को साइन करने के लिए भेजा तो पता चला कि अंथोनी की 2015 में ही मौत हो चुकी है। इसके बाद भी 6 साल तक उनका खाता चलाया गया। बैंक ने खाते की जांच की तो पता चला कि उनकी मौत के तीन साल बाद तक उनके खाते से 21 लाख 50 हजार रुपए निकाले गए। यह रकम मध्य प्रदेश में एक महिला के खाते में भेजी गई थी। पता चला कि यह महिला उसी बैंक मैनेजर की पत्नी थी, जिसने यह पैसा ट्रांसफर किया।
आश्चर्य की बात यह है कि बैंक मैनेजर की पत्नी का यह खाता उसकी शादी से पहले का था। बैंक ने इसके बाद टिंकू नलवा को बैंक से निकाल दिया। हालांकि गिरफ्तारी के डर से नलवा ने सभी रकम बैंक को वापस भी कर दी। टिंकू नलवा ने इस कारनामे को छिपाने के लिए केवाईसी फॉर्म भी भरा था। इसमें मोबाइल नंबर बदला गया और झूठा हस्ताक्षर करके खातों में फेरफार किया गया। इसके खिलाफ बोरीवली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया है।
बैंक के प्रवक्ता ने इस मामले में कहा कि चूंकि यह मामला अभी भी जांच के अधीन है, इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। हम किसी भी तरह के फाइनेंशियल मिसकंडक्ट की जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हैं। हम जांच अथॉरिटी को उनकी जांच में पूरा सहयोग करेंगे।