पेनियरबाय 10,000 महिला व्यापार प्रतिनिधियों को बैंकिंग सेवाओं के लिए नौकरी देगा
मुंबई– भारत के अग्रणी बैंकिंग और डिजिटल भुगतान नेटवर्क पेनियरबाय ने घोषणा की है कि वह उत्तर प्रदेश में विभिन्न ग्राम पंचायतों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वयं सहायता समूहों से 10,000 महिला बीसी सखियों (Business Correspondent Sakhi) को शामिल करेगा। इस प्रकार कंपनी का लक्ष्य पूरे उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ईकोसिस्टम के माध्यम से ₹1000 करोड़ के लेनदेन का डिजिटलीकरण करना और बीसी सखियों को अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने में सक्षम बनाना है। कंपनी ने राज्य के 9 जिलों में बीसी सखियों को शामिल करने के लिए येस बैंक के साथ साझेदारी की है।
एसएचजी के माध्यम से होने वाली व्यावसायिक प्रक्रियाएं और लेनदेन ज्यादातर नकद में ही होते हैं। मार्च 2019 तक एसएचजी ईकोसिस्टम के भीतर अनुमानित ₹1,00,000 करोड़ का लेन-देन किया गया और इसका बड़ा हिस्सा नकद में है। नकदी की आपूर्ति में कमी और डिजिटल भुगतान में वृद्धि के साथ, प्रक्रियाओं को फिर से डिजाइन करने और मुख्य रूप से नकद लेनदेन से डिजिटल लेनदेन में स्थानांतरित करने की तत्काल आवश्यकता समझी जा सकती है।
इसकी सहायता के लिए, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी 58,000 ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में एसएचजी के सदस्यों में से एक बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) – सखी (बीसी-सखी) को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले में पेनियरबाई पूरे उत्तर प्रदेश में 9 जिलों का आदेश मिला है। ये जिले हैं- बदायूं, सीतापुर, एटा, बलिया, गाजीपुर, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और आजमगढ़।
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट ने वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौर में उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के कलेक्शन सेंटर के रूप में भी काम किया है और देश भर के नागरिकों को निर्बाध बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित किया है। बैंकिंग एजेंटों के रूप में ये महिलाएं लोगों को बैंकिंग सेवाओं से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस प्रकार इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण यूपी में बैंकिंग पहुंच में सुधार करना और इन महिलाओं की घरेलू आय में वृद्धि करना और उन्हें सशक्त बनाना है।
ऑनबोर्डिंग के बाद पेनियरबाई का जोर इस बात पर रहेगा कि डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखियों को और कुशल बनाया जाए। साथ ही उन्हें राज्य भर में वित्तीय समावेशन के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल समाधान भी प्रदान करेगा और अनेक लोगाे को औपचारिक बैंकिंग के दायरे में लाएगा।
पेनियरबाय के एमडी आनंद कुमार बजाज ने कहा कि हमारा देश एक डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए अपनी महिलाओं को सशक्त बनाएं। यह महत्वपूर्ण है कि हमारी महिलाओं के पास डिजिटल और वित्तीय साधनों तक पहुंच हो। इस तरह उन्हें अपनी कमाई और बचत पर बेहतर नियंत्रण हासिल हो सकता है।
‘यूपीएसआरएलएम कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार की एक उत्कृष्ट पहल है और पेनियरबाय इस कार्यक्रम को इस बात पर गर्व है कि उसे इस कार्यक्रम का सूत्रधार होने और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण अवसर मिला है। एसएचजी सदस्यों के पास बुनियादी वित्तीय साक्षरता और पैसे को संभालने का अनुभव होने के कारण वे इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त हैं। पेनियरबाई आज 15 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ देश के सबसे बड़े रिटेल मर्चेंट नेटवर्क का प्रतिनिधित्व करता है। कंपनी ने 17,500 से अधिक पिन कोड में देश के अंदरूनी हिस्सों में डिजिटल वित्तीय सेवाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।