बड़े बैंकों में SBI देता है सबसे कम चेक के पेज, बॉब और PNB देते हैं ज्यादा पेज
मुंबई– देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) देश के बड़े बैंकों में फ्री में सबसे कम चेक के पेज देता है। बचत खाता धारकों के लिए यहां तक कि यह महीने में एक चेक के भी पेज औसतन नहीं देता है। यह साल में केवल 10 पन्ने ही चेक के देता है। यानी महीने में एक भी चेक का औसत नहीं है।
बैंक की वेबसाइट पर इस तरह की जानकारी दी गई है। हालांकि अन्य बैंक इसकी तुलना में ज्यादा चेक के पेज देते हैं। बैंक से बचत खाता के ग्राहक ज्यादा चेक लेते हैं तो उनको इसके लिए पैसे देने होते हैं। फ्री में हर बैंक एक सीमा तक चेक के पन्ने देते हैं। इसकी तुलना में देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक HDFC बैंक, ICICI बैंक ज्यादा चेक के पन्ने देते हैं।
पिछले साल जुलाई तक SBI भी ग्राहकों को चेक के 25 पेज फ्री देता था। लेकिन कोरोना के समय में इसने इसमें कटौती कर दी है। SBI के रेगुलर सेविंग अकाउंट के ग्राहक एक वित्त वर्ष में केवल 10 पेज ही फ्री में ले सकते हैं। इसके बाद आप लेना चाहते हैं तो 10 पेज के लिए आपको 40 रुपए और उस पर GST देना होगा। 25 चेक के पेज के लिए 75 रुपए और GST देना होगा।
हालांकि इस समय ज्यादातर बैंकिंग लेन-देन डिजिटल से होता है इसलिए चेक की जरूरत कम होती है। फिर भी चेक के जरिए बैंक की यह कमाई ग्राहकों से भारी-भरकम हो जाती है। देश में दूसरे नंबर के सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) फ्री में 25 चेक के पेज देता है। बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) तीसरे नंबर का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। यह भी एक वित्त वर्ष में 30 चेक के पेज फ्री में देता है।
निजी क्षेत्र में ICICI बैंक 20 पेज फ्री देता है जबकि उसके बाद हर 10 पेज के लिए 20 रुपए लेता है। HDFC बैंक भी 25 चेक के पेज फ्री में हर साल देता है। उसके बाद 25 चेक के लिए यह 75 रुपए लेता है। ICICI बैंक एक अगस्त से फ्री चेक के पेज की संख्या बढ़ा देगा। इसके तहत ग्राहकों को 25 पेज फ्री में मिलेंगे।
कुछ साल पहले तक 100 चेक के पेज साल भर में फ्री मिलते थे। लेकिन डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते दायरे और साथ ही चेक के कम उपयोग के कारण बैंकों ने इसे घटा दिया। हालांकि बैंकों की इस चेक के पेज से अच्छी खासी कमाई भी होती है। SBI के पास योनो की डिजिटल बैंकिंग है। इसी तरह से हर बैंकों का अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसलिए बैंक चेक बुक के लिए पैसे ले रहे हैं। बैंकों के डिजिटल ऐप या प्लेटफॉर्म से करीबन सभी काम किया जा सकता है। अब तो निजी कंपनियां भी डिजिटल पेमेंट का पूरा सोल्यूशन दे रही हैं। मोबाइल ऐप के जरिए हर ट्रांजेक्शन हो रहा है। यहां तक कि वॉट्सऐप, फोन पे जैसे प्लेटफॉर्म भी अब पेमेंट के पूरे सोल्यूशन दे रहे हैं।