फ्रैंकलिन टेंपल्टन पर फिर कार्रवाई, 16 करोड़ की पेनाल्टी, सीईओ, सीआईओ फंड मैनेजर पर जुर्माना

मुंबई– शेयर बाजार रेगुलेटर ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन म्यूचुअल फंड पर बड़ी कार्रवाई की है। इसने सोमवार को 11 डायरेक्टर और कर्मचारियों पर 16 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इस रकम को 45 दिनों के अंदर भरना है। इसमें डायरेक्टर की पत्नी और रिलेटिव भी हैं। 

सेबी ने इस मामले में सोमवार को कुल 4 ऑर्डर अलग-अलग जारी किए। पहले ऑर्डर में 151 पेज में जो जानकारी दी है उसमें कुल 9 लोगों पर 15 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसमें फ्रैंकलिन टेंपल्टन पर 3 करोड़ रुपए, CEO संजय सप्रे पर 2 करोड़ रुपए, CIO संतोष कामत पर 2 करोड़ रुपए, फंड मैनेजर कुनाल अग्रवाल, फंड मैनेजर सुमित गुप्ता, फंड मैनेजर पल्लब रॉय, फंड मैनेजर सचिन देसाई और उमेश शर्मा पर 1.5-1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सौरभ गंगार्डे पर 50 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है।  

सेबी ने ऑर्डर में कहा कि निवेश का उद्देश्य अलग होने के बावजूद 6 स्कीम में एक ही जैसी निवेश की रणनीति अपनाई गई थी। एए और उससे नीचे के कॉर्पोरेट बांड में इन 6 स्कीम का निवेश ज्यादा था। यह भी पाया गया कि 70 पर्सेंट से ज्यादा निवेश डेट सिक्योरिटीज में किया गया था। सेबी ने पाया कि इसके लिए जो ब्याज की गणना की गई थी वह गलत तरीके से की गई थी।   

वेंकट राधाकृष्णन पर 45 लाख रुपए और मालथी राधाकृष्णन पर 5 लाख की पेनाल्टी 45 दिनों में भरने का आदेश दिया गया है। वेंकट राधाकृष्णन कंपनी में डायरेक्टर हैं जबकि मालथी उनकी पत्नी हैं। इन दोनों ने इस स्कीम के बंद होने के एक महीने पहले यानी 23 मार्च को अपने निवेश के पैसे को निकाल लिया था।  

सेबी ने कहा कि राधाकृष्णन को यह पता था कि फिक्स्ड इनकम स्कीम में तनाव है। 23 मार्च को ही बोर्ड मीटिंग भी कंपनी की थी। इन लोगों ने सेटलमेंट के लिए भी सेबी के पास अप्लीकेशन किया था, पर सेबी ने उसे खारिज कर दिया।  

इसी तरह सेबी ने माइविश मार्केट प्लेस पर 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसने 22.11 करोड़ रुपए 6 मार्च से 11 मार्च के बीच में कंपनी की स्कीम से निकाल लिए थे। इसमें आलोक सेठी फ्रैंकलिन के ट्रस्टी थे और वे बोर्ड के डायरेक्टर थे। इसी तरह जयराम एस अय्यर पर 25 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई गई है। वे भी कंपनी में डायरेक्टर हैं। उन्होंने 23 मार्च को 4.56 लाख रुपए स्कीम से निकाल लिए थे।  

गौरतलब है कि फ्रैंकलिन इंडिया लोन ड्यूरेशन फंड, अल्ट्रा शॉर्ट फंड, शॉर्ट टर्म इनकम फंड, क्रेडिट रिस्क फंड, डायनॉमिक अक्रुअल फंड और इनकम अपोरच्युनिटीज फंड को 23 अप्रैल को बंद कर दिया था। सेबी ने इसमें फॉरेंसिंक ऑडिट की जांच की थी। 

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