टर्म बीमा क्यों है जरूरी और और कम प्रीमियम में कैसे मिलता है, जानिए यहां पर

मुंबई– देश में कोरोना महामारी के कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपके न रहने पर आपके परिवार को पैसों की समस्या का सामना न करना पड़े तो आपको टर्म इंश्योरेंस ले लेना चाहिए। हालांकि इश्योरेंस लेने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे आपको इसकी जरूरत है या नहीं? अगर है तो कितने का इंश्योरेंस कवर आपके लिए सही रहेगा। 

सबसे पहले ये जानना बहुत जरूरी हैं कि टर्म इंश्योरेंस कोई निवेश नहीं है। इसका फायदा आपके परिवार को आपकी मृत्यु के बाद ही मिलेगा। ऐसे में खुद से एक सवाल कीजिए कि ‘क्या आपकी मृत्यु के बाद आपके परिवार को आपकी आय से कोई फर्क पड़ेगा?’ अगर इसका जवाब हाँ है तो आपको टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए। लेकिन अगर इसका जवाब न है तो आपको ये नहीं लेना चाहिए। अगर आपके पास पर्याप्त पैसा है और आप काफी इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं तो आपको टर्म इंश्योरेंस की जरूरत नहीं है। 

ह्यूमन लाइफ वैल्यू (HLV) कॉन्सेप्ट में उस टोटल इनकम का कैलकुलेशन किया जाता है जो एक शख्स अपने कामकाजी जीवन काल में कमा सकता है। फिर उसे अनुमानित इनफ्लेशन रेट (महंगाई दर) के साथ डिस्काउंट किया जाता है। दूसरे शब्दों में उस शख्स की फ्यूचर इनकम को आज के दाम के हिसाब से कैलकुलेट किया जाता है। इस वैल्यू इंडिविजुअल पर होने वाले खर्च यह पता करने के लिए निकाला लिया जाता है कि परिवार में उस शख्स की क्या इकोनॉमिक वैल्यू होगी। 

अगर कोई 40 साल का व्यक्ति है जो सालाना 5 लाख रुपए कमाता है। इसमें से वो अपने पर्सनल खर्चों पर 1 लाख 30 हजार रुपए खर्च करता है। जबकि बाकी 3 लाख 70 रुपए परिवार पर खर्च करता है। यहां 3 लाख 70 हजार राम की इकोनॉमिक वैल्यू होगी। यानी आपके न होने पर भी आपके परिवार को सालाना 3 लाख 70 हजार रुपए के जरूरत होगी। आपको इस जरूरत के हिसाब से ही टर्म इंश्योरेंस कवर चुनना चाहिए। 

यह आपके जीवन बीमा कवरेज की जरूरतों की गणना करने का एक मूल तरीका है और यह आपकी सालाना आय पर आधारित है। इसके अनुसार आवश्यक बीमा कवरेज अपनी सालाना आय और रिटायरमेंट के बचे सालों का गुणक होता है। मान लीजिए आपकी सालाना इनकम 4 लाख रुपए है और आपकी उम्र 30 साल है और 30 साल बाद यानी 60 साल की उम्र में रिटायर होने की योजना बना रहे हैं। इस मामले में, आपका आवश्यक जीवन बीमा कवरेज 12 करोड़ रुपए (4,00,000 x 30) होना चाहिए। 

इसके तहत, बीमित राशि का योग आयु के आधार पर सालाना इनकम के गुणकों में होना चाहिए। उदाहरण के लिए, 20 से 30 साल की उम्र के व्यक्तियों के पास उनकी सालाना आय का 25 गुना जीवन बीमा कवरेज होना चाहिए। जबकि 40-50 साल से अधिक आयु वालों के पास उनकी सालाना आय का 20 गुना जीवन बीमा कवरेज होना चाहिए। 

अगर आपके ऊपर लोन या कर्ज है तो इसे भी ध्यान में रखना चाहिए। ऐसे में अगर आपने 50 लाख का होम लोन ले रखा है तो टर्म इंश्योरेंस कवर में इसे भी शामिल करना चाहिए। अगर आपके ऊपर और भी लोन या कर्ज हैं तो उन्हें भी ध्यान में रखकर इंश्योरेंस कवर तय करना चाहिए। टर्म इंश्योरेंस एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है जो सीमित अवधि के लिए निश्चित भुगतान दर पर कवरेज देता है। यदि पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो कवर की राशि नामांकित व्यक्ति को दी जाती है। यह परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

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