अप्रैल में हवाई यात्रियों की संख्या में 17% की आ सकती है गिरावट, फरवरी और मार्च में ज्यादा रही संख्या

मुंबई– लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों का असर घरेलू हवाई यात्रा पर पड़ सकता है। अप्रैल में हवाई यात्रियों की संख्या में 17% की गिरावट आ सकती है। हालांकि फरवरी और मार्च में यात्रियों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ था।  

रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक, अप्रैल में एयर पैसेंजर ट्रैफिक की ग्रोथ में 15 से 17% की गिरावट आ सकती है। मई 2020 के बाद से घरेलू पैसेंजर का ट्रैफिक फरवरी में 64% पर पहुंच गया था। मार्च 2021 में रोजाना औसतन 2.49 लाख यात्रियों ने फ्लाइट से यात्रा की है। 6 अप्रैल से 11 अप्रैल के दौरान हालांकि मार्च की तुलना में इसमें 12% की अचानक गिरावट आई। कोरोना के बढ़ते मामलों और नए प्रतिबंधों की वजह से ऐसी उम्मीद है कि इस महीने में एयर ट्रैफिक में और गिरावट आ सकती है।  

आंकड़ों के मुताबिक, 13 अप्रैल को करीबन 5 महीने में पहली बार यात्रियों की संख्या 2 लाख से नीचे पहुंच गई थी जो 183,331 रही थी। डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में 78 लाख यात्रियों ने यात्रा की जबकि जनवरी 77.3 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी। फरवरी 2021 के दौरान रोजाना 2,296 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी जबकि फरवरी 2020 में यह संख्या 3,137 की थी। हालांकि जनवरी 2021 की तुलना में यह संख्या बेहतर रही है। जनवरी 2021 में कुल 2,190 फ्लाइट्स ने रोजाना उड़ान भरी थी। 

एविएशंस रेगुलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के मुताबिक, जनवरी में हवाई यात्रियों की संख्या 77.34 लाख रही थी। फरवरी में प्रति फ्लाइट औसत यात्रियों की संख्या 121 रही जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 136 थी। फरवरी 2021 में पैसेंजर लोड फैक्टर्स 78% रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 87.7% रहा था। हालांकि जनवरी में यह 73% ही था। पैसेंजर लोड फैक्टर मतलब फ्लाइट्स में कितनी सीटें भरी हैं।  

मई 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक कुल 4.56 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की। मई 2020 में ही घरेलू फ्लाइट्स को कोरोना के प्रतिबंध के बाद दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिली थी। आंकड़ों के आधार पर देश में हवाई पैसेंजर ट्रैफिक 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 5.34 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की। वित्त वर्ष 2010-11 में 5.38 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की थी। 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष की तुलना में 31 मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष में यात्रियों की संख्या में 62% की गिरावट दर्ज की गई है।   

मार्च 2021 में कुल 77-78 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी जो फरवरी की तुलना में महज 1% की कमी रही थी। मार्च 2020 की तुलना में इसमें 33.1% की गिरावट रही है। मार्च में प्रति फ्लाइट यात्रियों की औसत संख्या 109 थी जो मार्च 2020 में 111 थी। मार्च 2021 में पैसेंजर लोड फैक्टर 72% था जो कि एक साल पहले इसी महीने में 73.1% था। हालांकि फरवरी 2021 में यह 79% था।  

मार्च में ग्राहकों की शिकायतों की बात करें तो हर 10 हजार यात्रियों पर 1.01 यात्रियों ने शिकायत की है। इसमें सबसे ज्यादा शिकायत टिकटों के पैसों के रिफंड को लेकर की गई जो 65.7% थी। इसमें पहले नंबर पर एयर इंडिया थी जिसके खिलाफ 7.6% शिकायतें की गई थी। गो एयर के खिलाफ 0.5% शिकायतें थीं। स्पाइस जेट और एयर एशिया के खिलाफ 0.2-0.2% शिकायतें दर्ज की गईं। टाइम पर बेहतर प्रदर्शन के मामले में चार प्रमुख महानगरों में इंडिगो टॉप पर रही है। इसका प्रदर्शन का औसत 97.8% रहा है। सबसे खराब एयर इंडिया रही है और इसका प्रदर्शन 86.2% रहा है।  

आंकड़े बताते हैं कि यात्रियों को यात्रा करने से रोकने में एयर इंडिया सबसे आगे रही है। इसमें 139 यात्रियों को यात्रा नहीं करने दिया और इस वजह से इसे 13.74 लाख रुपए लौटाने पड़े। इसकी तमाम फ्लाइट के कैंसल होने से कुल 2,435 यात्री प्रभावित हुए और इसके एवज में इसे 6.96 लाख रुपए देने पड़े। सबसे ज्यादा कैंसल फ्लाइट गो एयर की हुई जिससे इसके 10 हजार से ज्यादा यात्री प्रभावित हुए। स्पाइसजेट ने 69 यात्रियों को यात्रा नहीं करने दिया। इसके एवज में इसे 99 हजार रुपए देने पड़े। फ्लाइट कैंसल होने से 1,942 यात्री प्रभावित हुए जिससे इसे 3 लाख रुपए यात्रियों को देने पड़े। इसी तरह से एयर एशिया ने 28 और विस्तारा ने 7 यात्रियों को यात्रा नहीं करने दिया।  

कुल 245 यात्रियों को घरेलू एयरलाइंस ने यात्रा नहीं करने दिया और इससे इनको 17.18 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने पड़े। फ्लाइट्स के कैंसल होने से 16,940 यात्री प्रभावित हुए। फ्लाइट में देरी होने से 53,459 यात्री प्रभावित हुए जिससे एयरलाइंस कंपनियों को 16 लाख 85 हजार रुपए यात्रियों को देने पड़े।  

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