एचडीएफसी बैंक को 8,186 करोड़ रुपए का मुनाफा, 18 पर्सेंट बढ़ा लाभ
मुंबई– प्राइवेट सेक्टर के दिग्गज बैंक HDFC बैंक को वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 8,186.51 करोड़ रुपए का मुनाफा रहा है। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले बैंक के मुनाफे में 18.17% की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2020 में बैंक को 6,927.69 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, नेट इंटरेस्ट इनकम यानी ब्याज से कमाई बढ़ने के कारण प्रॉफिट में बढ़ोतरी रही है।
मार्च 2021 में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम में 12.60% का उछाल रहा है। इस अवधि में बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम 17,120.15 करोड़ रुपए रही है। जबकि नॉन-इंटरेस्ट इनकम यानी गैर ब्याज कमाई 25.88% बढ़कर 7,591.91 करोड़ रुपए रही है। बैंक ने इस तिमाही के लिए प्रॉविजन को 24.02% बढ़ाकर 4,693.70 करोड़ कर दिया है। वित्त वर्ष 2020-21 में बैंक की कंसोलिडेटिड इनकम 1,55,885.28 करोड़ रुपए रही है। एक साल पहले समान अवधि में बैंक की कंसोलिडेटिड इनकम 1,47,068.28 करोड़ रुपए रही थी।
बैंक के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) या बैड लोन में 19% की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2021 तिमाही में बैंक का ग्रॉस NPA 15,086 करोड़ रुपए रहा है। जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 12,649.97 करोड़ रुपए रहा था। बीती तिमाही में बैंक का नेट NPA भी 28% बढ़कर 4,554.82 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले समान अवधि में नेट NPA 3,542.36 करोड़ रुपए था। कुल लोन के मुकाबले ग्रॉस NPA पिछले साल के 1.26% से बढ़कर 1.32% पर पहुंच गया है।
रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, मार्च 2021 तिमाही में बैंक का एडवांस यानी कुल लोन में 14% की ग्रोथ रही है और यह बढ़कर 11.33 लाख करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले समान अवधि में बैंक का एडवांस 9.93 लाख करोड़ रुपए था। वहीं, इस अवधि बैंक डिपॉजिट यानी बैंक में जमा राशि 16.34% बढ़कर 13.35 लाख करोड़ रुपए रही है। एक साल पहले समान अवधि में बैंक में जमा राशि 11.47 लाख करोड़ रुपए थी।
कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए RBI ने लोन लेने वालों को मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। यह सुविधा 31 अगस्त तक लागू थी। इससे पहले 6 अगस्त को RBI ने लोन लेने वालों को राहत देने के लिए रेजोल्यूशन प्लान जारी किया था। रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, HDFC बैंक के 3,36,020 ग्राहकों ने इस कोविड संबंधी रेजोल्यूशन प्लान का लाभ लिया था। इसमें 2,87,487, पर्सनल लोन, 1,453 कॉरपोरेट लोन, 64 MSME और 47,080 अन्य लोन ग्राहक शामिल हैं।
पिछले साल कोरोना महामारी के चलते फैली अफरा-तफरी , ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव, कारोबारी और व्यक्तिगत गतिविधियों पर कोरोना से निपटने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की वजह से ग्लोबल और भारतीय फाइनेंशियल मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इस दौरान आई मंदी की वजह से कर्ज की मात्रा, थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स की बिक्री, ग्राहकों की तरफ से क्रेडिट कार्ड के उपयोग और कर्ज की वसूली जैसी गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जिसकी वजह से आगे हमें ग्राहकों की तरफ से होने वाले डिफॉल्ट की संख्या में बढ़त देखने को मिल सकती है। इस कारण बैंक को प्रॉविजन में बढ़त करनी पड़ सकती है।