आईपीओ से 2 लाख करोड़ जुटने की उम्मीद, आईपीओ के इतिहास में इस साल सबसे ज्यादा रकम जुटेगी, LIC अब तक का सबसे बड़ा इश्यू
मुंबई– ऐतिहासिक रुप से 2021 का साल आईपीओ के लिए सबसे बेहतरीन साल होगा। इस साल में आईपीओ बाजार से कुल 2 लाख करोड़ रुपए कंपनियां जुटा सकती हैं। इसमें देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का अकेले 90 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ हो सकता है।
इस साल अब तक 7 कंपनियों ने 12 हजार करोड़ रुपए पहले ही जुटा लिया है। जबकि आने वाले समय में करीबन 55 कंपनियां लाइन में हैं। इसमें से कुल कंपनियां जितना पैसा यानी 1 लाख करोड़ रुपए जुटाएंगी, उसके बराबर करीबन 90 हजार करोड़ अकेले LIC ही जुटा लेगी। LIC का आईपीओ नवंबर या दिसंबर तक आ सकता है। अभी इसका वैल्यूएशन हो रहा है।
इस साल LIC के अलावा जो बड़े IPO आएंगे, उसमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भी है। यह 10 हजार करोड़ रुपए जुटा सकता है। इसके बाद HDB फाइनेंशियल 9 हजार करोड़ रुपए, आधार हाउसिंग 8 हजार करोड़ और देलहीवरी 6 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है।
आईपीओ की लाइन में जो कंपनियां हैं उसमें कल्याण ज्वेलर्स 1,750 करोड़, आरोहण फाइनेंशियल 1,800 करोड़, मैक्रोटेक डेवलपर्स 2,500 करोड़, पॉलिसी बाजार 3,500 करोड़ रुपए, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस 5 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लिए आएंगी।
पिछले 3-4 महीनों से शेयर बाजार हर महीने नया रिकॉर्ड बना रहा है। बाजार में भरपूर पैसा है। अब तक जो IPO आए हैं उसमें मिसेज बेक्टर को छोड़ कर सभी IPO ने करीबन निवेशकों को बेहतर फायदा दिया है। बर्गर किंग से लेकर हैपिएस्ट माइंड ने दोगुना से ज्यादा रिटर्न दिया है।
NSE का आईपीओ पिछले 5 सालों से अटका है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कुछ कानूनी पेंच है। हाल में को-लोकेशन के मामले में इस पर सेबी ने फाइन लगाया है। NSE का शेयर BSE में लिस्ट होगा। यह क्रॉस लिस्टिंग के तहत होगा। इसी तरह से BSE का आईपीओ जब 2017 में आया था, तो उसका शेयर NSE में लिस्ट हुआ था।
NSE के आंकड़े बताते हैं कि अब तक 2017 में सबसे ज्यादा पैसा कंपनियों ने जुटाया है। इस साल में कुल 38 कंपनियों ने 75,728 करोड़ रुपए जुटाए। इससे पहले 2010 में 64 कंपनियों ने 36,362 करोड़ रुपए, 2007 में 104 कंपनियों ने 33,946 करोड़ रुपए, 2018 में 24 कंपनियों ने 31,731 करोड़ रुपए जुटाए थे। 2016 में 26 कंपनियों ने 26 हजार 500 करोड़ रुपए जुटाया था। सबसे कम 2013 और 2014 में पैसा जुटाया गया था। इन दोनों सालों में 1200-1283 करोड़ रुपए की रकम जुटाई गई थी।
अब तक भारतीय बाजार में सरकारी कंपनी कोल इंडिया का सबसे बड़ा आईपीओ आया था। 2010 में इसने 15,199 करोड़ रुपए जुटाए थे। उसके अलावा बड़े आईपीओ में रिलायंस पावर ने 2008 में 11 हजार 560 करोड़ रुपए जुटाया था। एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेस ने 10 हजार करोड़ रुपए जुटाया था। डीएलएफ ने 2009 में 9,187 करोड़ रुपए जुटाया था। केयर्न एनर्जी ने 2007 में 8,616 करोड़ रुपए जुटाया था।

