HDFC बैंक की दिक्कत और बढ़ी, RBI ने IT के इंफ्रा ऑडिट के लिए प्रोफेशनल नियुक्त किया

मुंबई– देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक की दिक्कत और बढ़ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक के IT इंफ्रा के ऑडिट के लिए प्रोफेशनल ऑडिट कंपनी की  नियुक्त कर दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल में बैंक का आईटी प्लेटफॉर्म कई बार बंद हो गया था।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने पहले ही IT इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट के बाद बैंक के इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच के लिए एक थर्ड पार्टी को नियुक्त किया गया है। बता दें कि हाल में कई बार बैंक की आईटी सेवाएं बंद हो गई थी। इसी के बाद रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड जैसी डिजिटल सेवाओं को लांच करने पर रोक लगा दी थी। यह रोक अभी भी जारी है।

आरबीआई इस रोक को तब हटाएगा, जब वह बैंक की सेवाओं से संतुष्ट होगा। रिजर्व बैंक इस बात की जांच कर रहा है कि हालिया मामलों के बाद क्या बैंक ने अपने IT इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करके डिजिटल क्षमता बढ़ाई है। 21 नवंबर 2020 को भी बैंक के प्राइमरी डाटा सेंटर में बिजली चले जाने के कारण ग्राहकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। 3 दिसंबर को रिजर्व बैंक ने नई डिजिटल सेवाओं पर रोक लगा दी थी।

HDFC बैंक ने इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को भी दी है। बैंक ने बताया कि पिछले दो साल में इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन पेमेंट में आई दिक्कत की वजह से RBI ने यह कदम उठाया है। बैंक डिजिटल दिकक्तों से निपटने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान ला सकता है। इस प्लान का मकसद तकनीकी दिक्कतों से निपटना है। ऐसा होता है तो नए डिजिटल लॉन्च के लिए रिजर्व बैंक से इसे मंजूरी मिल सकती है।

हाल में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि बैंकों को आईटी प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के लिए ज्यादा निवेश इस सेगमेंट में करना चाहिए ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। दास ने कहा था कि भारत के इकोनॉमिक नजरिए से डिजिटल टेक्नोलॉजी एक मजबूत सेक्टर है। 

बता दें कि हाल के समय में केवल एचडीएफसी बैंक की ही डिजिटल सेवा नहीं रुकी है। दिसंबर में ही देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की भी डिजिटल सेवा योनो एक दिन पूरी तरह से रुक गई थी। एसबीआई की सभी डिजिटल सेवा योनो पर ही मिलती है। योनो को एक अलग कंपनी बनाकर इसे शेयर बाजार में लिस्ट कराने की योजना बैंक की है। 

हाल में छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में मिलाए जाने के बाद अब ज्यादातर बैंक डिजिटल बैंकिंग चैनल को बढ़ा रहे हैं। शाखाओं या फिजिकल बैंकिंग पर ग्राहकों की निर्भरता कम कर रहे हैं। हाल में रिजर्व बैंक ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) को 24 घंटे कर दिया था। इससे भारत कुछ उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया जहां यह सुविधा 24 घंटे है।

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