IL&FS के मामले में ईडी ने सिंगापुर की मुखौटा कंपनी की 452 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की
मुंबई– प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IL&FS के पेमेंट डिफॉल्ट के मामले में सिंगापुर की एक मुखौटा कंपनी की 452 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह जब्ती मनी लांड्रिंग के मामले में की गई है। इसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) कानून के तहत किया गया है। यह संपत्ति सिंगापुर की एएस कोल के नाम से थी। इसके मालिक ब्रिटिश नेशनल जयमिन व्यास हैं।
ED ने एक बयान में कहा कि यह अटैच संपत्ति आईएलएंडएफएस तमिलनाडू पावर कंपनी के शेयर के रूप में है। यह शेयर 8.86% है। इसका मूल्य 452 करोड़ रुपए आंका गया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने IRL के खिलाफ प्रथम रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई थी। ED आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेस के खिलाफ भी जांच कर रही है। इसके खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने कराई थी।
ED ने कहा कि जयमिन व्यास ने पहले से तैयार योजना के तहत यह काम किया है। यह पेमेंट ईपीसी कांट्रैक्टर के रूप में किया गया था। बताया जा रहा है कि कंपनी के पास यह अधिकार होता है कि वह कांट्रैक्टर का चयन करे। पर जयमिन व्यास के मामले में गलत चयन किया गया था जो नियमों और शर्तों का उल्लंघन था।
बताया जाता है कि जयमिन व्यास ने पैसे को इक्विटी निवेश के तौर पर घुमाया था। इसके लिए उन्होने आईटीपीसीएल का सहारा लिया। इसने एसईपीसीओ को पेमेंट किया और यह पेमेंट इससे पहले एसईपीसीओ द्वारा व्यास को किया गया था। ED ने इससे पहले आईफिन कमिटी डायरेक्टर की 126 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की थी। इसके अलावा सिवा ग्रुप और एबीजी ग्रुप की भी प्रॉपर्टी जब्त की गई थी। इस मामले में आईफिन के डायरेक्टर अरुन कुमार साहा और आईटीएनएल के एमडी करुणाकरन रामचंद्र को गिरफ्तार किया गया था।