डीजल-पेट्रोल, गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, ई-वे बिल जनरेशन और GST की ग्रोथ अच्छी
मुंबई– कोरोना का असर भले अभी कम न हुआ हो, पर आर्थिक गतिविधियों में सुधार के साथ तेजी दिख रही है। अक्टूबर के अभी तक के 25 दिनों में कई मोर्चों पर अच्छी ग्रोथ दिख रही है। इसमें डीजल-पेट्रोल, ई-वे बिल जनरेशन, GST आदि हैं।
ICICI डायरेक्ट की रिपोर्ट के मुताबिक त्यौहारी सीजन के कारण रिटेल बिक्री में तेजी का माहौल है। वाहन रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों से पता चलता है कि साप्ताहिक आधार पर इसमें 16 पर्सेंट की बढ़त रही है। 19 से 22 अक्टूबर के दौरान रोजाना 64 हजार 300 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। एक हफ्ते पहले यह 55 हजार 400 यूनिट थी। एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में यह रजिस्ट्रेशन 80 पर्सेंट के स्तर पर इस समय पहुंच गया है।
इसी तरह ट्रैक्टर की बिक्री 22 अक्टूबर तक 39 हजार 400 यूनिट की रही है। एक साल पहले इसी अवधि में यह बिक्री 35 हजार की थी। इसमें 12 पर्सेंट की ग्रोथ रही है। ई-वे बिल जनरेशन की बात करें तो 18 अक्टूबर तक कुल 3.5 करोड़ बिल बने हैं। कोविड-19 से पहले यानी अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 के स्तर से यह 6 पर्सेंट ज्यादा है। पहले मासिक 5.5 करोड़ ई-वे बिल जनरेट होते थे।
ई-वे बिल जनरेशन कोविड-19 से पहले की तुलना में अप्रैल में 16 पर्सेंट, मई में 46 पर्सेंट, जून में 79 पर्सेंट, जुलाई में 88 पर्सेंट, अगस्त में 90 पर्सेंट और सितंबर में 104 पर्सेंट के स्तर पर आ गया है। रोजाना गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन की बात करें तो सितंबर में 60 हजार 609 गाड़ियों का रोज रजिस्ट्रेशन होता था।12 से 15 अक्टूबर के बीच 55 हजार 398 और 19 से 22 अक्टूबर तक 64,353 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था।
रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न टोल प्लाजों पर गाड़ियों की आवाजाही अब कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। सितंबर में कुल 11 करोड़ गाड़ियों की टोल प्लाजा पर आवाजाही हुई है। इसी तरह एक से 21 अक्टूबर 2020 तक कुल बिजली की मांग 164 GW थी जबकि अक्टूबर 2019 में यह 155 GW थी। इसी तरह डीजल की मांग अक्टूबर 2020 में पहले पखवाड़े में 1.5 पर्सेंट मासिक आधार पर बढ़ी है। जबकि एलपीजी की मांग 3 पर्सेंट और डीजल की मांग 24 पर्सेंट बढ़ी है। GST के बारे में अनुमान है कि यह इस महीने एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगी। यह स्तर पिछले साल का है। अभी तक लॉकडाउन में यह स्तर 95 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचा है।