बड़े शेयर बाजारों की तुलना में बीएसई सेंसेक्स का अगस्त में कमजोर प्रदर्शन, महज 2.6 प्रतिशत की रही बढ़त

मुंबई– अगस्त महीने में बड़े बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार का खराब प्रदर्शन रहा है। बीएसई सेंसेक्स ने पूरे महीने के दौरान 2.6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। जबकि एनएसई के निफ्टी ने 2.8 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। जनवरी से लेकर अगस्त के दौरान सेंसेक्स में 5.8 प्रतिशत की गिरावट जरूर रही है, पर 23 मार्च से लेकर अब तक इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त रही है।  

आंकड़े बताते हैं कि अगस्त महीने में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के बाजारों की तुलना में बीएसई सेंसेक्स का प्रदर्शन काफी कम रहा है। सेंसेक्स 3 अगस्त को 37,607 अंक पर बंद हुआ था। 31 अगस्त को यह 38,628 अंक पर बंद हुआ। बीएसई से पीछे केवल चीन का शंघाई कंपोजिट और यूके का एफटीएसई रहा है। शंघाई कंपोजिट 2.6 प्रतिशत बढ़ा है जबकि एफटीएसई 1.1 प्रतिशत बढ़ा है।  

अन्य बाजारों की बात करें तो अमेरिका का नैस्डॉक 7.6 प्रतिशत अगस्त महीने में बढ़ा है। डाउजोंस 9.6 प्रतिशत बढ़ा है। जापान का निक्केई 6.6 प्रतिशत बढ़ा है जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.4 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि जनवरी के बाद से पूरी दुनिया के शेयर बाजार गिरे हैं, लेकिन बाद में सभी में तेजी से रिकवरी दिखी है। यहां तक कि कुछ बाजार तो इस समय अपने सर्वोच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। 

अगस्त महीने में निफ्टी 11,073 अंक से बढ़कर 11,388 अंक पर पहुंच गया है। हालांकि अगस्त की शुरुआत से सोमवार की सुबह तक सेंसेक्स ने करीबन 7 प्रतिशत की बढ़त हासिल की थी। लेकिन गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच टकराव से सोमवार को बाजार में भारी गिरावट आई। इससे बाजार की बढ़त गायब हो गई।  

वैसे विश्लेषक अभी भी मानते हैं कि बाजार यहां से ऊपर ही जाएगा। क्योंकि ज्यादा लिक्विडिटी और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार निवेश के कारण माहौल पॉजिटिव है। अगस्त महीने में बाजार के कुल पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) में करीबन 7 लाख करोड़ रुपए की बढ़त आई है। यह 147 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 154 लाख करोड़ रुपए हो गया है।  

अमेरिका सरकार द्वारा राहत पैकेज की उम्मीदों से यहां तीनों बेंचमार्क इंडाइसेस ने अच्छी बढ़त हासिल की है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के इस्तीफे के बाद भी यहां का बाजार 6 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। दक्षिण कोरिया में एक तो केंद्रीय बैंक ने रेट में कोई बदलाव नहीं किया और दूसरे वहां बेरोजगारी दर भी जुलाई में 4.3 प्रतिशत से घटकर अगस्त में 4.2 प्रतिशत पर आ गई। इस तरह से पॉजिटिव माहौल से दुनिया के बाजारों में तेजी रही है। 

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