मध्य पूर्व देशों के एनर्जी उत्पादन करनेवालों को 270 अरब डॉलर के ऑयल रेवेन्यू का नुकसान होने की आशंका
मुंबई- मध्य पूर्व देशों के एनर्जी उत्पादकों को ऑयल रेवेन्यू के रूप में 270 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। क्योंकि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था हैवीवेट में है। सउदी अरबिया इस समय बुरी तरह की मंदी से जूझ रहा है। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सोमवार को जारी आउटलुक में दी है।
आईएमएफ के अनुसार, मध्य पूर्व में तेलों के निर्यात वाले देशों की ओवरऑल अर्थव्यवस्था इस साल कोरोना की वजह से 7.30 प्रतिशत गिर सकती है। यह अनुमान आईएमएफ के अप्रैल में लगाए गए अनुमान से 2 प्रतिशत ज्यादा है। आईएमएफ ने अप्रैल में सउदी अरबिया की अर्थव्यवस्था के बारे में अनुमान लगाया था कि यह इस साल 2.3 प्रतिशत गिर सकती है। हालांकि तब से इस आंकड़े में बदलाव भी किया गया है। अनुमान के मुताबिक अगले साल 3 प्रतिशत की वृद्धि से पहले यह इस साल 6.8 प्रतिशत गिर सकती है।
आईएमएफ के मध्य पूर्व देशों के डायरेक्टर जिहाद अजोर ने कहा कि हम उस साल में हैं, जो पहले कभी नहीं रहा था। हर किसी के लिए यह एक चुनौती भरा है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के अलावा प्रोडक्शन में कटौती से सउदी अरबिया को रेवेन्यू में अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। साथ ही मक्का में इस साल हज यात्रा बंद कर दी गई है। सउदी के इतिहास में यह पहली बार है जब हज यात्रा बंद की गई है। यहां सालाना 25 लाख लोग आते हैं।
रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए सउदी अरबिया ने बेसिक गुड्स एवं सेवाओं पर इस महीने से तीन गुना टैक्स बढ़ा दिया है। वैट को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है। अजोर ने कहा कि आनेवाले समय में गल्फ राज्य कठिन कदम पेश कर सकते हैं। तेलों के आयात वाले मध्य पूर्व देशों में जिसमें इजिप्ट, जॉर्डन और सूडान भी हैं, उनके बारे में अनुमान है कि उनकी अर्थव्यवस्था 1.1 प्रतिशत तक गिर सकती है। यह आईएमएफ के अनुमान के करीब है।
आईएमएफ ने लेबनीज अथॉरिटी के साथ ढेर सारी मीटिंग की है। इसमें 10 अरब डॉलर के लोन रिक्वेस्ट पर भी मीटिंग हुई है। आईएमएफ ने कहा कि देशों के वित्तीय घाटे का अनुमान लगाने पर अभी भी काम चालू है। इरान भी इस महामारी से निपटने में अभी भी संघर्ष कर रहा है। इरान ने आईएमएफ से 5 अरब डॉलर के कर्ज की मांग की है। इस साल के शुरू से ही आईएमएफ ने 17 अरब डॉलर का इमर्जेंसी लोन मध्य पूर्व देशों को दिया है। इसमें 5.2 अरब डॉलर की राशि इजिप्ट और 1.4 अरब डॉलर की राशि पाकिस्तान को दी गई है।

