सरकार पोर्टल पर कड़ी कार्रवाई, तीन साल में हटाई गईं सैकड़ों चीनी कंपनियां  

मुंबई- सरकारी खरीद मंच जेम पोर्टल से पिछले तीन साल में चीन से जुड़ी सैकड़ों कंपनियों को हटाया गया है। ये कंपनियां चीन के नागरिकों के स्वामित्व वाली हैं या चीनी इकाई की इनमें उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। जेम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि उन कंपनियों के सरकारी खरीद मंच पर कोई उत्पाद नहीं है, जिनकी जमीनी सीमा भारत से मिलती है। 

सिंह ने कहा, हमने जेम पर से बहुत सारे फर्जी विक्रेताओं को हटा दिया है। खासकर जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के संबंध में व्यय विभाग के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है। इसके तहत, कुछ देशों के उत्पादों का उपयोग जेम मंच पर नहीं किया जाना है। उन्होंने कहा कि कंपनियों पर कार्रवाई को लेकर हम हिस्सेदारी पैटर्न पर गौर करते हैं और यह देखते हैं कि क्या कोई जमीनी सीमा साझा करने वाला देश है। फिर उसे मंच से हटा दिया जाता है या अयोग्य घोषित किया जाता है।  

जेम सीईओ ने कहा कि यह एक बड़ी संख्या है, जिसे हमने मंच से हटा दिया है। इस कदम से जो श्रेणियां गंभीर रूप से प्रभावित हुईं हैं, उनमें लैपटॉप, डेस्कटॉप, चिकित्सा उपकरण आदि शामिल हैं। ये वे कंपनियां थीं, जिसका संबंध किसी भी तरह से चीन से था। 

चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के बाद व्यय विभाग ने जुलाई, 2020 में सामान्य वित्तीय नियमों में बदलाव किए थे। इसमें भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के बोलीदाताओं को किसी भी सरकारी खरीद में भाग लेने से मना किया गया था। यह पाबंदी तब तक थी, जब तक वे सक्षम प्राधिकरण के पास पंजीकरण नहीं कराते। 

जेम सीईओ ने कहा कि सरकारी खरीद मंच से चीनी कंपनियों को हटाने से पहले प्रत्यक्ष शेयरधारित के अलावा विक्रेताओं की किसी भी प्रकार की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी की भी जांच की गई थी। ऐसा करने में नियमों का पूरी तरह पालन किया गया था। उन्होंने कहा, चीनी कंपनियों के बाहर करने के ये आदेश किसी भी तरह से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत की किसी भी प्रतिबद्धता का उल्लंघन नहीं करते हैं क्योंकि निवेश एवं सरकारी खरीद अब भी वैश्विक व्यापार निकाय के किसी भी समझौते का हिस्सा नहीं हैं। 

जेम को नया रंग-रूप देने के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को रणनीतिक भागीदार के रूप में नियुक्त किया है। सरकारी खरीद मंच 3 अक्तूबर से टीसीएस के हवाले हो जाएगा। मौजूदा प्रौद्योगिकी कंपनी इंटेलेक्ट डिजाइन अरीना की अनुबंध अवधि समाप्त होने वाली है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *