शराब पीकर जहाज उड़ाते हैं पायलट, 33 पायलट व 97 केबिन क्रू नशे में मिले
मुंबई- साल 2023 की पहली छमाही में करीब 33 पायलट और 97 केबिन-क्रू सदस्य ड्यूटी पर नशे में पाए गए है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इसकी जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल की पहली छमाही में, 33 पायलट और 97 केबिन क्रू सदस्य अपने अनिवार्य अल्कोहल टेस्ट में फेल हो गए। बता दें कि यह अल्कोहल टेस्ट उड़ानों से पहले या बाद में आयोजित किए जाते हैं।
इसके विपरीत, 2022 की पहली छमाही में, DGCA के डेटा के मुताबिक केवल 14 पायलट और 54 केबिन क्रू सदस्यों को ड्यूटी के दौरान नशे में धुत्त पाया गया था। इस डेटा की बिजनेस स्टैंडर्ड ने समीक्षा की है। DGCA के नियमों के मुताबिक, पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को उड़ान से पहले ब्रेथलाइजर टेस्ट से गुजरना होता है। विदेश से भारत के लिए उड़ान संचालित करने वाले पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को उड़ान के बाद ब्रेथलाइजर टेस्ट से गुजरना होता है। यदि टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आता हैं, तो उन्हें 24 घंटे के भीतर DGCA को प्रस्तुत करना होता है।
यदि कोई पायलट या केबिन क्रू सदस्य पहली बार ब्रेथलाइजर टेस्ट में फेल होता है, तो नियमों के अनुसार, उसका लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। यदि वही पायलट या केबिन क्रू सदस्य दूसरी बार ड्यूटी के दौरान नशे में पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस 3 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। नियमों के मुताबिक, अगर ये पायलट या केबिन क्रू मेंबर तीसरी बार अल्कोहल टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसका लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा।
डीजीसीए के नियमों के अनुसार, शराब के सेवन से साइकोमोटर प्रदर्शन में उल्लेखनीय गिरावट आती है और उड़ान के सुरक्षित संचालन में शामिल कई आवश्यक कार्यों को संभालने के लिए उपलब्ध मानसिक क्षमता कम हो जाती है। उड़ान के दौरान इमरजेंसी की स्थिति में क्रू सदस्य शराब के नशे में समस्या से निपटने में असमर्थ होता है।