विप्रो तीन सालों में एआई का प्रशिक्षण देने पर खर्च करेगी 8200 करोड़ 

मुंबई- भारत की दिग्गज IT सर्विस प्रोवाइडर कंपनी विप्रो लिमिटेड ने बुधवार (12 जुलाई) को कहा कि उसने अगले 3 सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में 1 बिलियन डॉलर यानी करीब 8,230 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने का प्लान बनाया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। 

कंपनी ने कहा, ‘इस इन्वेस्टमेंट से हम AI, बिग डेटा और एनालिटिक्स सॉल्यूशन के एक्सपेंशन (विस्तार) के साथ-साथ नए रिसर्च एंड डेवलपमेंट और प्लेटफार्मों के विकास पर फोकस करेंगे।’ विप्रो ने अपने AI-फर्स्ट इनोवेशन इकोसिस्टम ‘विप्रो ai360’ को भी लॉन्च किया है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह अगले 12 महीनों में अपने लगभग 2,50,000 कर्मचारियों को AI पर ट्रेनिंग देगी। 

विप्रो के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) थियरी डेलापोर्टे ने कहा, ‘जेनरेटिव AI के आने के बाद अब हम सभी इंडस्ट्रीज के लिए एक बुनियादी बदलाव की उम्मीद करते हैं।’ कंपनी क्लाउड सर्विसेज, साइबर सिक्योरिटी, इंजीनियरिंग और डिजाइन सहित चार ग्लोबल बिजनेस सेक्टरों के 30,000 डेटा एनालिटिक्स और AI एक्सपर्ट्स के साथ काम करेगी। 

विप्रो का यह स्टेटमेंट अपने राइवल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की एक अनाउंसमेंट के बाद आया है। दरअसल, TCS ने एक हफ्ते पहले कहा था कि उसने अपने 25,000 इंजीनियरों को माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर ओपन AI पर ट्रेनिंग देने और सर्टिफाइड करने का प्लान बनाया है। 

दुनिया भर की कंपनियों, बैंकों से लेकर बड़ी टेक कंपनियों ने भी ChatGPT के आने के बाद AI में निवेश दोगुना कर दिया है। माइक्रोसॉफ्ट सपोर्टेड OpenAI द्वारा एक जेनरेटिव AI चैटबॉट ने 2022 के आखिरी में दुनिया भर में तूफान ला दिया था। 

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