गो फर्स्ट के कर्जदाता 425 करोड़ देने पर राजी, बैंक बोर्ड लेगा अंतिम निर्णय 

मुंबई- आर्थिक संकट में घिरी विमानन कंपनी गो फर्स्ट को फिर से उड़ान भरने के लिए इसके कर्जदाताओं ने 425 करोड़ रुपये देने को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इसका अंतिम फैसला बैंकों के बोर्ड को करना होगा। इन कर्जदाताओं में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और आईडीबीआई बैंक शामिल हैं, जो कर्ज देने वाले बैंकों के समूह के प्रमुख हैं। 

विमान शुरू करने के लिए बैंकों के बोर्ड के फैसले के बाद विमानन नियामक डीजीसीएस की मंजूरी की जरूरत होगी। गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर शैलेंद्र अजमेरा ने फिर से उड़ान शुरू करने के लिए 425 करोड़ रुपये की जरूरत बताई थी। हालांकि, आगे चलकर और ज्यादा रकम की जरूरत हो सकती है क्योंकि एयरक्राफ्ट के इंजन, टिकट रद्दीकरण की रकम वापसी और अन्य खर्चे भी आएंगे। 

गो फर्स्ट ने कहा है कि वह जुलाई में रोजाना 78 फ्लाइट्स और 22 एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान शुरू कर सकती है। फिलहाल इसने 28 जून तक सभी उड़ानों को रद्द किया है। इंजन की आपूर्ति नहीं होने से 3 मई से कंपनी का परिचालन बंद है। कंपनी पर बैंकों के 6,521 करोड़ रुपये का कर्ज है। 

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