यह 100 फुट के दुकान में है इडली डोसा, महीने की 5 करोड़ रुपये है कमाई 

मुंबई- बेंगलुरु में रामेश्वरम कैफे का फिल्टर कॉफी और इडली-सांभर काफी फेमस है। इस कैफे की पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चाहे आंधी हो या बारिश यहां खाने के लिए कई किलोमीटर की लंबी लाइन लगती है। कैफे के बाहर लोगों की भीड़ इतनी होती है कि लोगों जमीन पर बैठकर खाते दिख जाएंगे।  

बेंगलुरु के लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे की नींव अल्ट्रान वेंचर्स लिमिटेड ने रखी। बेंगलुरु के इंदिरा नगर स्थित 10×10 स्क्वायर फुट की दुकान के बाहर लोगों की भारी भीड़ जुटी रहती है। भीड़ देखकर आप कमाई का अंदाजा लगा सकते हैं। हर महीने इस कैफे की कमाई 5 करोड़ रुपये है। सालभर में यह कैफे 50 करोड़ रुपये से अधिक का बिजनेस कर लेता है। 

बी2बी मार्केटप्लेस उड़ान के सह-संस्थापक सुजीत कुमार ने हाल में एक पोडकास्ट में रमेश्वरम कैफे के बारे में बात की। उन्होंने कैफे के सक्सेस होने के पीछे की वजह बताई। उन्होंने बताया कि मुश्किल से इस कैफे का साइज 10×10 या 10×15 वर्ग फुट है। हर रोज ये कैफे 7500 आर्डर डिलीवर करता है। इस कैफे को फैसिलिटी क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) के तौर पर जाना जाता है।  

रामेश्वरम कैफे ने उस गैप को पकड़ा है, जिसे लोकल मार्केट नहीं पकड़ पाया। उन्होंने कैफे खोलने से पहले पूरा सर्वे किया। उन लोकेशन को पहचाना जहां साउथ इंडियन स्पेस पर क्यूएसआर ब्रांड नहीं है। सर्वे को पूरा करने के बाद उन्होंने तीन रेस्टोरेंट खोले और आज करोड़ों में कमाई कर रहे हैं। 

राघवेंद्र राव ने रामेश्वरम कैफे की शुरुआत अपनी पत्नी दिव्या राघवेंद्र राव के साथ मिलकर की। राघवेंद्र के पास फूड इंडस्ट्री में काम का 20 सालों का अनुभव है। मैकेनिकल इंजीनियर राघवेंद्र ने अपनी पत्नी दिव्या के साथ मिलकर कैफे की नींव रखी। दिव्या कंपनी की को फाउंडर हैं । उनके पास IIM की डिग्री है।  

पति-पत्नी की इस जोड़ी ने कुछ सालों में ही रामेश्वरम कैफे को नई ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। उन्होंने सोशल मीडिया की ताकत को पहचाना। उनके बिजनेस को हिट कराने में सोशल मीडिया का बड़ा रोल है। आज भी रामेश्वरम कैफे के बाहर रोज ग्राहकों की फोटो ली जाती है और फिर उसे इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट किया जाता है।  

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