14,000 करोड़ रुपये लेकर भागा नीरव मोदी, लेकिन खाते में केवल 236 रुपये
मुंबई- भगोड़ा नीरव मोदी करीब 14,000 करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागा था। लेकिन अब वह पाई-पाई को तरस गया है। नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को 13,540 करोड़ रुपये की चपत लगाई थी। इस समय वह ब्रिटेन की जेल में है। जेल में भी वह कर्ज लेकर अपना खर्च चला रहा है। बताया जा रहा है कि नीरव को 1.47 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने के लिए भी रकम उधार लेनी पड़ी थी।
करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले नीरव मोदी के इतने बुरे दिन है, कि उसके एक खाते में सिर्फ 236 रुपये बचे हैं। नीरव मोदी की फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के एक बैंक खाते में कथित तौर पर सिर्फ 236 रुपये ही बचे हैं। कोटक महिंद्रा बैंक ने इस खाते से 2.46 करोड़ रुपये की रकम बकाया आयकर के रूप में एसबीआई को ट्रांसफर की है। साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी कुल बकाया के एक हिस्से का भुगतान किया है। इन पेमेंट्स के बाद कंपनी के खाते में सिर्फ 236 रुपये रह गए हैं।
अब एफआईडीपीएल के लिए नियुक्त लिक्विडेटर ने एक बार फिर विशेष अदालत से पैसा रिलीज करने की मांग की है। अगस्त, 2021 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत कार्रवाई में कोर्ट ने दावाकर्ता पंजाब नेशनल बैंक को FIDPL के लिए नियुक्त लिक्विडेटर के माध्यम से पैसा जारी करने का निर्देश दिया था।
लिक्विडेटर की याचिका के जवाब में विशेष अदालत ने बीते हफ्ते यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को तीन महीने के भीतर पुराने आदेश का पालन करने और लिक्विडेटर के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मनमानी की और कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया।
लिक्विडेटर ने कहा कि उसने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को कंपनी के खाते में पड़ी राशि को ट्रांसफर करने के लिए सूचित किया था। आरोप है कि बैंक ने ईमेल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि बैंक ने लिक्विडेटर के खाते में केवल 17 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन शेष राशि ट्रांसफर नहीं की। यह आरोप लगाया गया कि शेष राशि बैंक की एक्सक्लूसिव सिक्यूरिटी नहीं थी और इसे लिक्विडेटर को ट्रांसफर किया जाना चाहिए था।