कोरोना के बाद पहली बार घरेलू एयरलाइंस उद्योग आ सकता है फायदे में
मुंबई- कोरोना के बाद पहली बार अगले वित्त वर्ष में घरेलू एयरलाइंस फायदे में आ सकती हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में इन कंपनियों का घाटा 75-80 फीसदी घटकर 3,500 से 4,500 करोड़ रुपये रह सकता है जो पिछले वित्त वर्ष में 17,500 करोड़ रुपये था।
क्रिसिल ने कहा कि लागत का दबाव कम होने और क्रेडिट प्रोफाइल के सुधरने से एयरलाइंस कंपनियों की बैलेंसशीट पर इसका असर दिखेगा। साथ ही यात्रियों की संख्या में मजबूत सुधार से कंपनियों को फायदा होगा। इसने तीन प्रमुख एयरलाइंस के आधार पर यह बात कही है जिनकी बाजार हिस्सेदारी 75 फीसदी है।
कोरोना के बाद से पिछले वर्ष दिसंबर तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर ट्रैफिक में 98 फीसदी तक का सुधार दिखा है। कारोबारी और लेजर यात्रा तेजी से हो रही है। त्योहारी सीजन भी दूसरी छमाही में सुधार को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाए हैं।
क्रिसिल ने कहा, किराये की सीमा हटने से एयरलाइंस कंपनियों को फायदा हुआ है क्योंकि इन्होंने अब किराया बढ़ा दिया है। अगले वित्त वर्ष में हमारा अनुमान है कि यात्रियों की संख्या कोरोना के समय से ज्यादा हो जाएगी। इससे एयरलाइंस कंपनियों के राजस्व में 25-30 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरलाइंस कंपनियां अगले दो वित्त वर्ष में 8,000-10,000 करोड़ रुपये जुटा सकती हैं। इससे ये अपने बेड़े में एयरक्राफ्ट की संख्या बढ़ा सकती हैं और साथ ही वर्तमान एयरक्राफ्ट को बेहतर बना सकी हैं। एयरलाइंस कंपनियां इस समय नए एयरक्राफ्ट को खरीदने पर ज्यादा जोर दे रही हैं।