बोगस खिलौने बेचने पर स्नैपडील, अमेजन और फ्लिपकार्ट को नोटिस
मुंबई- भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने चीन व अन्य देशों से खिलौने आयात करने वाली नामी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पिछले एक महीने में देश के प्रतिष्ठित स्टोरों से बिना बीआईएस क्वालिटी वाले 18,500 खिलौनों को जब्त किया गया है। जिन स्टोर्स से ये खिलौने जब्त किए गए हैं, उनमें एयरपोर्ट के हेमलीज, आर्चिज जैसे प्रसिद्ध स्टोर भी शामिल हैं। इस मामले में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने नियमों के उल्लंघन के मामले में बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन, स्नैपडील और फ्लिपकार्ट को नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब मांगा है।
बृहस्पतिवार को सरकार ने बताया कि यह खिलौने हवाई अड्डों, शॉपिंग मॉल्स और अन्य बड़े-बड़े स्टोर से बरामद किए गए हैं। सरकार ने एक जनवरी, 2021 से सुरक्षा नियमों के तहत खिलौनों पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) मानक लागू किया है।
बीआईएस के निदेशक जनरल प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि हमें घरेलू कंपनियों से यह शिकायत मिली थी कि देश में बहुत सारे खिलौने बिना बीआईएस के बेचे जा रहे हैं। पिछले एक महीने में 44 जगहों पर छापा मारा गया है। भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक देश में अभी तक 160 चीनी खिलौना निर्माताओं ने बीआईएस प्रमाणन के लिए आवेदन किया है। अभी तक किसी को भी भारत सरकार की ओर से खिलौने आयात करने की अनुमति नहीं मिली है क्योंकि कोरोना के कारण कंपनियों के कारखानों की जांच नहीं हो पाई है।
सीसीपीए ने केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों की अवेहलना करने और नकली सामानों की बिक्री करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाया है। इसमें अब उपभोक्ता, इलेक्ट्रिक , वाटर हीटर, इलेक्ट्रिक आयरन, घरेलू गैस स्टोव, माइक्रोवेव ओवन और सिलाई मशीन जैसी घरेलू उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।
जिन स्टोर पर छापा मारा गया उसमें प्रमुख रूप से हेमलीज, आर्चिज, डब्ल्यूएच स्मिथ, किड्स जोन और कोकोकार्ट आदि हैं जो हवाई अड्डों और शॉपिंग मॉल्स में स्थित हैं। तिवारी ने कहा कि कानून के तहत इन रिटेलरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह छापे देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे के हवाई अड्डों पर मारे गए हैं। छापे आगे भी जारी रहेंगे।
बीआईएस के अनुसार नामी कंपनियां चॉकलेट और अन्य उपहारों की आड़ में चीन में बने खिलौनों को आयात कर रही थी। तिवारी ने कहा भारत में लगभग 1000 खिलौना निर्माताओं को लाइसेंस मिला है। इनमें 982 घरेलू और 29 विदेशी कंपनियां हैं। उल्लंघन करने वाली कंपनी पर पहली बार एक लाख रुपये तक का जुर्माना और बार बार इसे दोहराने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।