नौकरियों के मामले में उबर, ओला सहित पांच डिजिटल प्लेटफॉर्म्स सबसे खराब
मुंबई- दिहाड़ी कामगारों को काम करने के लिए बेहतर माहौल प्रदान करने में ओला, उबर, डूंजो, फार्मइजी और अमेजन फ्लेक्स प्लेटफॉर्म्स की रेटिंग शून्य रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी के सहयोग से फेयरवर्क इंडिया टीम ने कुल 12 ऐसे प्लेटफॉर्म्स की रेटिंग की थी।
इस रिपोर्ट में उचित वेतन, शर्तों, अनुबंध, प्रबंधन और प्रतिनिधित्व को पैमाना बनाया गया था। इन पांचों का स्कोर 10 अंक तय किया गया था। लेकिन उपरोक्त पांचों प्लेटफॉर्म को 10 में से शून्य स्कोर मिला। यह रिपोर्ट भारत में डिजिटल लेबर प्लेटफॉर्म पर कामगारों की कार्य स्थितियों पर आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कोई भी प्लेटफॉर्म सात अंक से ज्यादा हासिल नहीं कर पाया। साथ ही किसी ने भी पांच सिद्धांतों में सभी पहले अंक हासिल नहीं किए। हर सिद्धांत में से प्रत्येक को दो पॉइंट्स में बांटा गया था। दूसरा पॉइंट्स किसी प्लेटफॉर्म को तभी दिया जा सकता है जब पहला पॉइंट्स उसने हासिल किया हो। अन्य प्लेटफॉर्म्स में बिग बॉस्केट, फ्लिपकार्ट, पोर्टर, स्विगी, अर्बन कंपनी, जेप्टो और जोमैटो शामिल थे।
फेयरवर्क टीम के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर बालाजी पार्थसारथी ने बताया कि कानून की नजर में गिग वर्कर्स स्वतंत्र कामगार हैं। जिसका अर्थ है कि वे असंगठित श्रमिकों की तरह श्रम अधिकारों के हकदार नहीं हैं। उनके काम करने की स्थिति में सुधार के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि काम से संबंधित लागतों पर विचार करने के बाद उन्हें कम से कम प्रति घंटा न्यूनतम वेतन प्राप्त हो। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से उनकी मांगों को सुना जाए। उसे स्वीकार कर उन पर विचार किया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है, यहां तक कि श्रमिक संगठनों के बार-बार प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए एक स्थिर आय के महत्व पर जोर देने के बावजूद प्लेटफॉर्म सार्वजनिक रूप से कम से कम वेतन नीति को लागू करने और संचालित करने में असफल रहे हैं। हालांकि, इस साल बिग बॉस्केट, फ्लिपकार्ट और अर्बन कंपनी ने कुछ नीतियों को को लागू किया, जिसमें कम से कम प्रति घंटे के आधार पर कामगारों को वेतन मिल सके।