अप्रैल-जून में स्टार्टअप को 40 फीसदी कम मिली रकम 

मुंबई- देश में स्टार्टअप की हालत खराब है। जहां एक ओर ये कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी कर रहे हैं, वहीं ये बंद भी हो रहे हैं। प्राइस वाटर हाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में इनको मिलने वाली रकम 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गई।  

इसके पहले लगातार तीन तिमाहियों तक इन कंपनियों को 10-10 अरब डॉलर से ज्यादा की रकम मिली थी। गिरावट का कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं में धीमापन और शेयरों की कीमतों में कमी रही। इसने कहा कि फंडिंग को सामान्य होने में एक से डेढ़ साल लग सकते हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, जून तिमाही में कुल फंडिंग में से 95 फीसदी रकम मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की कंपनियों को मिली है। उसके बाद चेन्नई और पुणे को मिली है। बंगलूरू में सात कंपनियों ने 70  करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम जुटाई। इसमें डेलीहंट, रैपिडो, लेंसकार्ट, सीआरईडी और अन्य हैं। 

एनसीआर की सात कंपनियों ने 10-10 करोड डॉलर की रकम जुटाई है। इसमें डेलहीवरी, फिजिक्स वाला, रेरियो और अन्य हैं। मुंबई में 4 कंपनियों ने 10-10 करोड़ डॉलर से ज्यादा फंड जुटाया। जून तिमाही में केवल 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनने में सफल रहे। वैश्विक स्तर पर 1,200 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *