टमाटर 60 रुपए किलो, प्याज 50 रुपए किलो, बाकी सब्जियों का भाव 80-100 रुपए
मुंबई- जयपुर, मुंबई, प्रयागराज और भोपाल जैसे बाजारों में सब्जियों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। सितंबर के अंतिम हफ्ते में हुई बारिश ने सब्जियों की कीमतों में गरमी ला दी है। आलू प्याज भी काफी महंगे हो गए हैं। जबकि हरा मटर 160 रुपए किलो बिक रहा है।
नासिक से मुंबई सब्जी लाकर बेचनेवाले बंशराज चौहान कहते हैं कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में सब्जियां थोक भाव में काफी महंगी हो गई हैं। इसका कारण बारिश है। बारिश से सब्जियों का नुकसान हुआ है और इससे आवक कम हो गई है। अब तो नासिक के किसानों के पास भी सब्जियां बहुत खराब क्वालिटी की आ रही हैं।
करैला की कीमत जहां 40 रुपए किलो हो गई है, वहीं पत्ता गोभी 20 रुपए किलो बिक रही है। टमाटर 40 से 60 रुपए किलो बिक रहा है जबकि वांगी 80 रुपए किलो बिक रही है। भिंडी की कीमत 40 रुपए से 50 रुपए किलो है। खीरा 40 रुपए किलो है तो आलू की कीमत 20-30 रुपए किलो है।
सितंबर में वैसे सब्जियों की कीमतें काफी कम हो गई थीं। ज्यादातर सब्जियां 30 रुपए किलो के आस-पास बिक रही थीं। नासिक के होलसेल बाजार से मुंबई लाकर सब्जी बेचने वाले बिपिन गुप्ता बताते हैं कि सभी सब्जियों की आवक सितंबर में काफी ज्यादा थी, जिससे कीमतें कम थीं। पर सितंबर के अंतिम हफ्ते में बारिश ने सब्जियों पर असर डाला। इससे अब आवक कम हो गई है। सितंबर में प्याज 20 रुपए किलो थोक बाजार में था। थोक बाजार में टमाटर 3 रुपए किलो था।
टमाटर तो इतना सस्ता था कि किसानों की लागत तक नहीं निकल रही थी और इसलिए वे खेतों में ही टमाटर फेंक देते थे। पर अक्टूबर महीना सब्जियों के लिए काफी खर्चीला हो गया है। जयपुर में सब्जियों की कीमतों की बात करें तो आलू 20 रुपए किलो, प्याज 60 रुपए किलो, टमाटर 80 रुपए किलो, करैला 60 रुपए किलो बिक रहा है। टिंडली 60 रुपए किलो, भिंडी 60 रुपए किलो, फ्लावर 80 रुपए किलो, बैगन 40 रुपए किलो और फली 60 रुपए किलो है। प्रयागराज में आलू 25 रुपए किलो, टमाटर 80 रुपए किलो, प्याज 60 रुपए किलो, बैगन 50 रुपए किलो, भिंडी 40 रुपए किलो, फ्लावर 40 रुपए पीस और टिंडली 40 रुपए किलो है।
इसी तरह मुंबई में हरा मटर 160 रुपए किलो, ग्वार 100 रुपए किलो, शिमला मिर्च 80 रुपए किलो, गलका (नेनुआ) 60 रुपए किलो, प्याज 50 रुपए किलो, टमाटर 60 रुपए किलो, आलू 20 रुपए किलो और सेम 60 रुपए किल बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि कम से कम अगले 15 दिनों तक यही भाव रहने वाला है। नवंबर में आवक जब बढ़ेगी तो सब्जियों की कीमतें कम होने लगेंगी।