हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए बीमा योजना बंद, कोरोना के दूसरे चरण में अभी शुरू नहीं हुई बीमा योजना
मुंबई– सरकार ने पिछले साल फैली महामारी के बीच हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए जो बीमा योजना शुरू की थी, उसका कवर 24 मार्च को खत्म हो गया और नया बीमा कवर अभी तक नहीं जारी हुआ है। यह तब हुआ है, जब देशभर में कोविड-19 की दूसरी लहर उफान पर है और संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए सरकार ‘कोरोना वॉरियर’ को कोविड के खिलाफ नया बीमा कवर दिलाने के लिए फिलहाल नई बीमा कंपनी से बात कर रही है।
पिछले साल मार्च में शुरू हुई बीमा योजना में हेल्थकेयर वर्कर्स को पचास लाख रुपए का कवर दिया गया था। इसका मकसद कोविड ड्यूटी पर तैनात वर्कर्स की मौत होने पर उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा देना था। इस बीमा योजना को इस साल 24 मार्च तक तीन बार बढ़ाया गया था। 18 अप्रैल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा था कि उनको नया बीमा कवर दिलाने के लिए न्यू इंडिया एश्योरेंस से बात चल रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट किया है, ‘PMGKP यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 24 अप्रैल 2021 तक के क्लेम पुरानी कंपनी सेटल करेगी। उसके बाद कोरोना वॉरियर्स को इंयोरेंस कवर नई बीमा कंपनी मुहैया कराएगी, जिसके लिए न्यू इंडिया एश्योरेंस से बात चल रही है।’ मंत्रालय ने बताया कि कंपनी ने अब तक 287 क्लेम का भुगतान किया है।
कोरोना वॉरियर्स को दी गई बीमा सुरक्षा मार्च में खत्म होने की जो जानकारी मीडिया में आई थी, वह स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सचिव राजेश भूषण के सर्कुलर के हवाले से दी गई है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए सर्कुलर में स्कीम के इस साल 24 मार्च में खत्म होने के बारे में बताया गया था। वित्त मंत्रालय ने 26 मार्च 2020 को प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत इस बीमा योजना का ऐलान किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था, ‘सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉय, नर्स, आशा वर्कर, पैरामेडिक, टेक्निशियन, डॉक्टर, स्पेशलिस्ट और दूसरे हेल्थ वर्कर्स को स्पेशल इंश्योरेंस स्कीम में कवर किया जाएगा। कोविड के मरीजों के इलाज में लगे हेल्थ प्रोफेशनल के साथ अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो इस स्कीम के तहत 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।’

