घरेलू अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में सात फीसदी के दर से बढ़ने की उम्मीद- गोपीनाथ

मुंबई- घरेलू अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सात फीसदी की दर से बढ़ सकती है। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 6.6 फीसदी के अनुमान से थोड़ा अधिक है। आईएमएफ की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा, एक कार्यक्रम में कहा, आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के जुलाई-सितंबर तिमाही की 8.2 फीसदी वृद्धि दर जारी करने से पहले ही लगा दिया था।

इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के बाद चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया। गोपीनाथ ने कहा, अगर भारत 20 वर्षों तक लगभग 8 फीसदी की विकास दर बनाए रख सकता है, तो देश 2047 के लक्ष्यों के काफी करीब पहुंच जाएगा। लेकिन इतने लंबे समय तक इस विकास दर को बनाए रखना आसान नहीं है। इसके लिए लगातार सुधारों की आवश्यकता होगी।

गोपीनाथ ने कहा, भारत वास्तव में अमेरिका व्यापार संकट से पहले की गई भविष्यवाणियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। टैरिफ दरें काफी बढ़ गई हैं, लेकिन अभी भी अत्यधिक उच्च स्तर पर नहीं हैं। मुझे लगता है कि कम से कम अमेरिकी दृष्टिकोण से हम अमेरिका में चरम टैरिफ से आगे निकल चुके हैं। 2026 अमेरिका में मध्यावधि चुनावों का वर्ष है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी चुनाव से पहले बहुत अधिक अनिश्चितता चाहता है।

टैरिफ ने बढ़ाई महंगाई

गोपीनाथ ने कहा, टैरिफ ने महंगाई को बढ़ावा दिया है। इससे जीवन यापन की लागत बड़ी है, जिससे एक नई समस्या बन गई है। अमेरिका भारत के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साझेदार है। इसलिए, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि दोनों देश पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करें। तेल की कीमतें लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास होने के कारण भारत के पास रूस से आगे अपनी ऊर्जा साझेदारी में विविधता लाने और अमेरिका के साथ संबंधों को पुनर्व्यवस्थित करने का अवसर है। आर्थिक दृष्टिकोण से भारत के लिए यह समझौता बुरा नहीं है।

भारत में अब भी व्यापार करना आसान नहीं

नियामक जटिलता को एक चुनौती बताते हुए गीता ने कहा, भारत में अब भी व्यापार करना आसान नहीं है। यहां बहुत सारे नियम कानून हैं। यदि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करना है, तो इन मुद्दों का समाधान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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