उधार के विमानों से बनी थी इंडिगो, ऐसे टूटी राकेश गंगवाल और राहुल भाट‍िया की जोड़ी

मुंबई- देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो एक बार फिर चर्चा में है। पिछले दो दिन इसकी सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं जिससे देश भर में हंगामा मचा हुआ है। लाखों यात्री विभिन्न एयरपोर्ट्स पर फंसे हुए हैं। इसकी वजह डीजीसीए का एक नियम है जिसे अब वापस ले लिया गया है। इंडिगो रोजाना करीब 2,300 फ्लाइट ऑपरेट करती है और भारतीय मार्केट में इसकी 60% से अधिक हिस्सेदारी है।  

इंडिगो की शुरुआत साल 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने की थी। आज यह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है। भारतीय बाजार में इसकी हिस्सेदारी करीब 64% है। राहुल भाटिया दिल्ली के रहने वाले हैं जबकि उनके दोस्त राकेश गंगवाल अमेरिका में रहते हैं। गंगवाल कई बड़ी एयरवेज कंपनियों में काम कर चुके थे और उन्हें इस सेक्टर का काफी अच्छा नॉलेज था।

भाटिया ने ही गंगवाल के सामने एयरलाइन शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। इस तरह इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की शुरुआत 2004 में हुई। उस समय देश की एविएशन इंडस्ट्री भारी नुकसान से जूझ रही थी। इसके बावजूद दोनों ने इस सेक्टर में उतरने की ठानी। साल 2004 में ही उन्हें एयरलाइन शुरू करने का लाइसेंस भी मिल गया।

लेकिन कंपनी 2006 तक अपनी सेवाए शुरू नहीं पाई क्योंकि उसके पास विमान नहीं थे। गंगवाल ने अपनी जान-पहचान के चलते कंपनी को एयरबस से उधारी पर 100 विमान दिलाए। आखिरकार 4 अगस्त 2006 से कंपनी ने अपनी उड़ान शुरू की।  कम कीमत पर लोगों को हवाई यात्रा देने का सपना पूरा किया।  

इस बीच 2020 में राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच विवाद पैदा हो गया। फरवरी 2022 में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया। इस तरह एविएशन इंडस्ट्री में जय-वीरू की जोड़ी टूट गई। उसके बाद से गंगवाल परिवार ने कंपनी में अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेच दी है।

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