नवंबर में जीएसटी संग्रह घटकर 1.70 लाख करोड़, कोविड बाद सबसे धीमी वृद्धि दर्ज
मुंबई- स्लैब में कमी के बावजूद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह नवंबर में 0.7 फीसदी घटकर 1,70,276 करोड़ रुपये पर आ गया है। यह कोरोना के बाद सबसे धीमी वृद्धि है। इसके साथ ही यह एक साल के निचले स्तर पर आ गया है। अक्तूबर में यह 1.96 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.3 प्रतिशत बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया। घरेलू राजस्व में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने नई रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी टैरिफ में भारी गिरावट के बावजूद इस साल भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में रहने की संभावना है। इसमें हालिया जीएसटी कटौती से मिली बढ़त भी शामिल है। हालांकि, अर्थशास्त्री आगाह कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में आर्थिक गति सामान्य होने के साथ प्राप्तियां कम हो सकती हैं। इसका असर नवंबर की विनिर्माण गतिविधियों में भी दिखा है।
रिफंड में मिली-जुली गतिविधि देखी गई। कुल रिफंड 18,196 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की तुलना में 4 फीसदी कम है। निर्यात रिफंड में 3.5 फीसदी की वृद्धि हुई। घरेलू रिफंड में 12 फीसदी की गिरावट आई। नवंबर में सकल घरेलू राजस्व 1,24,300 करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष यह 1,27,281 करोड़ रुपये था। आयात से मिले जीएसटी में अच्छी वृद्धि देखी गई और सकल आयात राजस्व 45,976 करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष की तुलना में 10.2% अधिक है।
क्षतिपूर्ति उपकर में भारी गिरावट आई और नवंबर में शुद्ध उपकर राजस्व 4,006 करोड़ रुपये रहा। यह नवंबर, 2024 की तुलना में 69% कम है।
अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक 33 फीसदी की तेजी रही। इसके विपरीत, मिजोरम (-41%), सिक्किम (-35%) और लद्दाख (-28%) में तीव्र गिरावट देखी गई। प्रमुख राज्यों में, महाराष्ट्र (3 फीसदी), कर्नाटक (5 फीसदी) और केरल (7 फीसदी) में मध्यम वृद्धि दर्ज की गई। गुजरात (-7 फीसदी), तमिलनाडु (-4%), उत्तर प्रदेश (-7%), मध्य प्रदेश (-8%) और पश्चिम बंगाल (-3 फीसदी) में गिरावट दर्ज की गई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 9% की वृद्धि हुई। लक्षद्वीप में 85 फीसदी की गिरावट देखी गई।

