इस कंपनी के मालिक ने अपने 1,000 कर्मचारियों को भेजा लंदन की सैर पर, जानिए कौन है
मुंबई-रियल एस्टेट कंपनी कासाग्रैंड (Casagrande) के फाउंडर और एमडी अरुण एमएन ने अपने 1,000 कर्मचारियों को लंदन की यात्रा पर भेजा है। यह कंपनी के सालाना ‘ प्रॉफिट शेयर बोनांजा ‘ प्रोग्राम का हिस्सा है। इसे कर्मचारियों की मेहनत और कंपनी के विकास में उनके योगदान को पुरस्कृत करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह पूरी तरह से कंपनी की ओर से प्रायोजित ट्रिप है। इसमें कर्मचारियों को लंदन के ऐतिहासिक स्थलों को घूमने का मौका मिलेगा।
कासाग्रैंड की स्थापना 2004 में हुई थी। तब से यह चेन्नई, कोयंबटूर और बेंगलुरु जैसे शहरों में एक प्रमुख डेवलपर के रूप में उभरी है। अरुण एम.एन. का मानना है कि कंपनी की सफलता में कर्मचारियों का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसे में वे मुनाफे को उनके साथ साझा करते हैं। इस बोनांजा को देखकर कई लोग कह रहे हैं कि मालिक हो तो ऐसा। कासाग्रैंड चेन्नई में स्थित है। यह अपने कर्मचारियों के लिए शानदार पुरस्कार और रिकग्निशन प्रोग्राम के लिए जानी जाती है।
कंपनी का कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से पुरस्कृत करने का लंबा इतिहास रहा है। इससे पहले भी वह 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों को सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, दुबई और स्पेन जैसे देशों की यात्राएं करा चुकी है। इस बार लंदन की यात्रा कर्मचारियों के लिए यादगार अनुभव साबित होने की उम्मीद है। उन्हें लंदन के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक माहौल को करीब से जानने का मौका मिलेगा। इस यात्रा के दौरान, कर्मचारी विंडसर कैसल, कैम्डेन मार्केट्स, सेंट पॉल कैथेड्रल, लंदन ब्रिज, बिग बेन, बकिंघम पैलेस और प्रसिद्ध पिकाडिली सर्कस जैसे प्रतिष्ठित स्थलों का दौरा करेंगे।
खास ऑफर्स
कंपनी के फाउंडर और एमडी अरुण एमएन ऐसी संस्कृति पर गर्व करते हैं जो कर्मचारियों के साथ सफलता साझा करने के महत्व पर जोर देती है। उनके मुताबिक, कंपनी अपने मुनाफे को कर्मचारियों के साथ बांटने में विश्वास रखती है क्योंकि वे संगठन की रीढ़ हैं। कंपनी का वार्षिक पुरस्कार कार्यक्रम कर्मचारियों की भलाई और खुशी के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अरुण एमएन का जन्म 8 जुलाई को हुआ था। वह चेन्नई से हैं जहां कासाग्रैंड का मुख्यालय है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इसी शहर से की थी। वह पहली-पीढ़ी के उद्यमी हैं। उन्होंने 2004 में कासा ग्रैंड प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। इससे पहले उन्होंने विप्रो इन्फोटेक में मार्केटिंग विभाग में काम किया था।

